जुबली ब्यूरो
कोरोना की महामारी ने दुनिया की आर्थिक गतिविधियों पर पूरी तरह से ब्रेक लगा दिया है। भारत समेत तमाम देशों में लॉक डाउन चल रहा है। इसी वजह से कच्चे तेल की मांग भी बेहद कम हो गई है। यही वजह है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 20.09 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गई हैं। यह कीमतें पिछले 18 साल में सबसे निचले स्तर पर हैं।
भारत में एक बैरल यानी 159 लीटर कच्चे तेल के सरकार को 15 सौ रुपये चुकाने होंगे। इस तरह से एक लीटर कच्चे तेल की कीमत नौ रुपये 43 पैसे हो गई है। इससे पहले नवम्बर 2002 में कच्चे तेल का दाम 22.76 डॉलर प्रति बैरल था।
कच्चे तेल की कीमतें इतनी कम हो जाने का नुक्सान तेल सप्लाई करने वाले देशों का तो होगा लेकिन इसका फायदा उठाने वालों की संख्या बहुत कम होगी क्योंकि सड़कों पर गाड़ियाँ नहीं दौड़ रही हैं।विमानों को हवाई अड्डों तक सीमित कर दिया गया है।