जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। लूट की वारदात को अंजाम देकर भाग रहे बदमाशों का बचना अब आसान नहीं होगा। एक नहीं चार- चार सिस्टम एक साथ उन्हें ट्रेस करने का काम करेंगे। सब कुछ ठीक रहा तो ये सारे सिस्टम मॉर्डन कंट्रोल रूम, डायल 100 और ITMS एक दूसरे से जल्द ही जोड़ दिए जाएंगे।
यही नहीं 70 चौराहों पर लगे 290 सीसीटीवी कैमरों के साथ शहर से जुड़े बार्डर एरिया के पांचों टोल प्लाजा को भी कंट्रोल रूम से इंटीग्रेड किया जा रहा है। ताकि क्राइम करने के बाद बदमाश आसानी से शहर से न भाग सकें। कुल मिलाकर ये कहना गलत नहीं होगा कि अब उत्तर प्रदेश की राजधानी सुरक्षित होगी। दावा किया जा रहा है की पुलिस को इस नई तकनीक से अपराध होने के तुरंत बाद ही खबर मिल जायेगी।
जिसके बाद वायरलेस के पांचों चैनल पर वारदात की सूचना प्रसारित होगी। ये तकनीक त्वरित कार्यवाही में बेहद कारगर साबित हो सकेगी। लखनऊ पुलिस ने शहर को पांच सर्किल जोन में बांटा है। नार्थ, वेस्ट, ईस्ट, टीजी और रूरल।
ये भी पढ़े: आखिरी चरण में बढ़ गए अपराधी
पांचों एरिया के लिए वायरलेस सिस्टम पर अलग- अलग चैनल होते है। किसी के एरिया में वारदात होने पर उस एरिया के चैनल पर सूचना प्रसारित होती है। यह सूचना केवल उच्च अधिकारियों के पास तो पहुंचती है लेकिन दूसरे सर्किल में यह तुरंत नहीं पहुंच पाती।
एसएसपी कलानिधि नैथानी के अनुसार अब लूट, स्नेचिंग या वाहन चोरी की सूचना मिलने पर इंटीग्रेटेड सिस्टम के तहत एक साथ वायरलेस के पांचों चैनल में सूचना प्रसारित होगी, जिससे तत्काल चेकिंग और घेराबंदी की जा सके। वारदात को अंजाम देकर दूसरे सर्किल या शहर के बाहर भागने वाले अपराधियों को पकड़ा जा सके।
बदमाशों की घेराबंदी होगी आसान
एसएसपी कलानिधि नैथानी के अनुसार 70 चौराहों पर लगे हाईटेक 290 सीसीटीवी कैमरे की मदद से किसी भी नंबर को रीड कर उसकी लोकेशन को ट्रेस किया जा सकता है। वारदात होने पर बदमाशों की गाड़ी का नंबर मिलने पर उसे तत्काल कंट्रोल रूम में फीट किया जाएगा। गाड़ी किसी भी चौराहे से गुजरेगी तो उसकी लोकेशन कंट्रोल रूम ट्रेस कर नजदीकी पीआरवी या संबंधित पुलिस टीम को सूचना दी जाएगी। ताकि बदमाशों की घेराबंदी की जा सके।
ये भी पढ़े: स्कूल प्रबंधकीय विवाद को लेकर सपा नेता को मारी गोली
बॉर्डर एरिया पर होगा पहरा
राजधानी के बार्डर एरिया से जुड़े कुल पांच टोल प्लाजा है। किसी भी वारदात के बाद बदमाशों की तलाश में कई घंटे बाद टोल प्लाजा में लगे कैमरे की फुटेज खंगाली जाती है। जिससे समय निकल जाता है और बदमाश शहर से काफी दूर चले जाते हैं। इंटीग्रेटेड सिस्टम से पांचों टोल प्लाजा को मॉर्डन कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। ताकि कंट्रोल रूम से टोल प्लाजा तक की निगरानी रखी जा सके।
मॉर्डन कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने के बाद चारो सिस्टम को इंटीग्रेट करने का काम तेजी से चल रहा है। एक सप्ताह में काम पूरा हो जाएगा। फिर सभी सिस्टम के जुड़ने के बाद ट्रायल रन किया जाएगा।
कलानिधि नैथानी, एसएसपी