जुबिली न्यूज डेस्क
क्रिकेट की मायावी दुनिया से एक और घोटाला निकलकर सामने आया है। उत्तर प्रदेश के क्रिकेटर अंशुल राज ने गुरुग्राम स्थित सिक्योर कॉरपोरेट मैनेजमेंट के अध्यक्ष आशुतोष बोरा पर सेलेक्शन के लिए धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
अंशुल ने बोरा पर हिमाचल प्रदेश अंडर -23 में, सीके नायडू टूर्नामेंट के लिए टीम में स्लॉट दिलाने के नाम पर 10 लाख रुपये लेने का आरोप लगाया है।
इस मामले में तीन राज्य क्रिकेट संघों के अधिकारी, एक संदिग्ध मैच फिक्सर, दिल्ली क्रिकेट के चयनकर्ताओं के पूर्व संयोजक, आईपीएल के पूर्व खिलाड़ी, एक बंगाल अंडर-19 खिलाड़ी और एक स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी के संचालक का नाम अभी तक सामने आया है। यह मामला 9 जुलाई को दर्ज कराया गया था।
इस मामले की जांच के लिए जब गुरुग्राम पुलिस ने 5 सितंबर को सोहना रोड स्थित बोरा के कार्यालय पर छापा मारा, तो उसके हाथ “अनुबंध के कागजात” लगे, जिससे पता चला कि कंपनी ने 18 खिलाडिय़ों के साथ सौदे किए थे।
पुलिस ने कहा कि फोन पर बातचीत, व्हाट्सएप चैट, मनी ट्रेल और यात्रा योजनाओं की जांच के बाद बोरा और उसके एक साथी, बंगाल के पूर्व अंडर -19 क्रिकेटर दानिश मिर्जा की गिरफ्तारी हुई है।
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पिछले हफ्ते ही पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। साथ ही दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड में क्रिकेट अधिकारियों और टी-20 बिहार क्रिकेट लीग चलाने वालों लोगों को नोटिस जारी किया गया है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने उन प्रमुख लोगों से बात की, जिन्हें ये नोटिस भेजे गए थे। इनमें से एक ने कहा कि उन्हें बोरा से ग्राउंड का उपयोग करने के लिए एडवांस में पैसा मिला था, लेकिन इसे वापस कर दिया गया था।
वहीं दो अन्य ने कहा कि उन्होंने बोरा के बारे में कभी नहीं सुना। चौथे अधिकारी ने कहा कि उनका “कार्यकाल समाप्त हो गया” और वह चयन में शामिल नहीं थे।
कंपनी की प्रबंध निदेशक बोरा और उनकी बहन चित्रा को 3 सितंबर को जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और धमकी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों अभी हरियाणा की भोंडसी जेल में बंद हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार बोरा के बैंक स्टेटमेंट में कथित तौर पर दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) के पूर्व निदेशक संजय भारद्वाज और अरुणाचल क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष नबाम विवेक से जुड़ी एक कंपनी के खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं।
फिलहाल भारद्वाज ने यह बताने से इनकार कर दिया कि उन्हें आरोपी से पैसे क्यों मिले, लेकिन उन्होंने दावा किया कि उन्हें खिलाडिय़ों के साथ ठगे जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
वहीं द इंडियन एक्सप्रेस को अरुणाचल क्रिकेट के अधिकारी विवेक ने बताया, “मैं बोरा से कभी नहीं मिला। उनके प्रतिनिधि क्रिकेट अकादमी चलाने के लिए पट्टे पर जमीन चाहते थे। एडवांस भी दिया गया था। कोरोना के कारण अंतिम समझौता नहीं हो सका। जब बहुत देर हो गई, तो मैंने पैसे वापस कर दिए।”
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बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के जिला प्रतिनिधि संजय कुमार सिंह, बिहार क्रिकेट लीग के अध्यक्ष संजीव रतन सिंह, और लीग के संयोजक ओम प्रकाश तिवारी को 25 सितंबर को पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया।
संपर्क करने पर संजय कुमार और ओम प्रकाश ने कहा कि वे बोरा को नहीं जानते हैं, जबकि संजीव रतन प्रतिक्रिया के लिए मेडिकल इमरजेंसी के कारण उपलब्ध नहीं थे। गुरुग्राम पुलिस सोबर्स जोबन की भूमिका की भी जांच कर रही है। इसका नाम पहले भी मैच फिक्सिंग में सामने आ चुका है।
डीडीसीए के एक अन्य पूर्व अधिकारी, उपाध्यक्ष राकेश बंसल को अक्टूबर में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उन्होंने कहा- “मेरा कार्यकाल समाप्त हो गया है और इसके अलावा मेरा खिलाडयि़ों के चयन से कोई लेना-देना नहीं था। मुझे अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है।”
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के पूर्व सीईओ अमन सिंह ने कहा कि पुलिस ने उनसे यह पुष्टि करने के लिए कहा था कि क्या राज्य इकाई के लेटरहेड पर छपी और बोरा द्वारा प्रसारित टीम सूची एक ही थी।
सिंह ने कहा- “उन्होंने एक टीम सूची बनाई और कुछ नामों को शामिल करने के लिए बदलाव किए। मूल टीम की सूची सोशल मीडिया पर डाली गई थी। मैंने उन्हें एसोसिएशन द्वारा अपलोड की गई, मूल टीम सूची के बारे में बताया”।
यूपी के जालौन जिले के पिपराया गांव के रहने वाले क्रिकेटर अंशुल राज ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा है कि बोरा ने उन्हें सिक्किम टीम में जगह देने का वादा किया था।
अंशुल ने अपनी शिकायत में कहा-” मैं एक गरीब और साधारण परिवार से हूं। आरोपी ने मुझे और मेरे परिवार को धोखा देकर और चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर हमसे बड़ी रकम छीन ली। मैं सम्मानपूर्वक प्रार्थना करता हूं कि कृपया आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।”
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अंशुल राज का कहना है कि दिल्ली के लिए टी-20 क्रिकेट खेलने वाले और कभी मुंबई इंडियंस के सेट-अप का हिस्सा रहे तेज गेंदबाज जावेद खान को सिक्योर कॉरपोरेट मैनेजमेंट के चेहरे के रूप में पेश किया गया था।
राज का कहना है कि उन्हें खान से मिलवाया गया था। खान ने हालांकि दावा किया है कि बोरा ने उन्हें भी ‘धोखा’ दिया था।
मामले की जांच कर रही गुरुग्राम पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा-2 का कहना है कि नोटिस जारी किए गए लोगों से पूछताछ के लिए पर्याप्त आधार हैं। मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।