सैय्यद मोहम्मद अब्बास
लखनऊ। कहते हैं जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में होती है। इतना ही नहीं जिसकी डोर उपर वाले के हाथ बंधी हैं, कब, कौन, कैसे उठेगा, ये कोई नहीं जानता… ये बात बिल्कुल सच है। अक्सर कोई इंसान अचानक से इस दुनिया को अलविदा कह देता है जबकि उसके जाने का वक्त नहीं होता है। गुरुवार को भी आज एक ऐसा समाचार सुनने को मिला जिसको सुनकर हर कोई दुखी हो गया। दरअसल लखनऊ क्रिकेट की अम्पारिंग का अहम हिस्सा रहे राशिद उज जमा का निधन हो गया है।
उनके निधन लखनऊ क्रिकेट शोक में डूब गया है। बताया जा रहा है कि गुरुवार की सुबह उनको कार्डियक अरेस्ट हुआ, और वो जिंदगी की जंग हार गए । क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ की अम्पायरिंग का अहम हिस्सा रहें। राशिद जमा की शख्सियत ऐसी रही कि वो हर किसी के प्यारे थे।
बतौर खेल पत्रकार मैं खुद उनसे कई बार मिल चुका हूं। मैदान पर उनका हंसता हुआ चेहरा आज भी मुझे याद है। मेरी कलम की तारीफ उन्होंने कई मौकों पर की है। अक्सर कहते थे कि इस खिलाड़ी पर अपनी कलम चला दो तो ये स्टार बन जायेगा।
मैं जब नया-नया पत्रकार बना था तब मुझे ज्यादा जानकारी नहीं थी। इसी दौरान बीसीसीआई के स्कोरर एसपी सिंह से मुलाकात हुई तो उन्होंने क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ के कई सदस्य का नम्बर दिया ताकि जब जरूरत पड़े तो इन लोगों से बात कर सकूं। इन्हीं नम्बरों में से राशिद भाई का भी एक नंबर था। शुरू में मैं नहीं जानता था कि वो कौन है लेकिन अक्सर खबर के सिलसिले में उनका फोन मेरे पास आता था लेकिन मीडिया क्रिकेट में जब उनसे मुलाकात हुई तो एहसास हुआ कि वाकई कमाल के इंसान है।
उनका हंसता हुआ चेहरा और कहते थे तुम्हारी कलम में दम है बेटा। बस ऐसे ही लिखते रहो! आखिरी बार मेरी मुलाकात केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मीडिया क्रिकेट टूर्नामेंट में हुई थी।
उनका अचानक से जाना मुझे अंदर से काफी गहरा जख्म दे गया है। उनके निधन की खबर तो मुझे सोशल मीडिया से मिल गई थी लेकिन उनके बारे में और भी बहुत कुछ जानना था, इस वजह से मैंने हर बार की तरह बीसीसीआई के स्कोरर एसपी सिंह को फोन मिलाया तो मुझे उनके परिवार के बारे में पता चला कि उनके जाने के बाद उनके परिवार में उनकी माता और दो बहने है। जरा सोचिए उस मां पर क्या गुजर रही होगी कि जिसका बेटा उसकी जिंदगी में ही रूकसत हो गया।
उनके बारे में…
2023 क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ के वरिष्ठ अंपायर श्री राशिद उज जमा का आज दिन में 11 बजे हृदय गति रुकने के कारण देहांत हो गया है।
52 वर्ष के थे ।क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ के लिए लगभग 35 वर्षो से अंपायरिंग वा स्कोरिंग करते आ रहे थे ।उन्होंने कई ऑल इंडिया वा राज्य स्तरीय एवं लोकल प्रतियोगता में अपनी सेवाएं दी थी ,उनके पीछे उनके परिवार में उनकी माता जी एवं 3 बहनों ( 2 विवाहित )को छोड़ गए है।
लखनऊ खेल पत्रकारों की क्रिकेट प्रतियोगता में लगभग 20 वर्षो से अपनी सेवाएं दी थी।उनका अंतिम संस्कार आज दादा मिया दरगाह मॉल एवेन्यू कब्रिस्तान में किया गया ।
अंतिम संस्कार में क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ के सचिव के एम खान,कुलदीप सिन्हा,नईम चिस्ती, एस पी सिंह, संतोष सिंह,पवन यादव,अमित,शरद,अर्पित,विभोर,गु