जुबिली स्पेशल डेस्क
मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में मतगणना जारी है। इस पर गौर करें तो मध्य प्रदेश, राजस्थान में बीजेपी की सरकार बन रही है जबकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शुरू में आगे थी लेकिन अब वहां से उसको मायूसी हाथ लग रही है क्योंकि बीजेपी वहां भी पूर्ण बहुमत हासिल करती हुई नजर आ रही है।
हालांकि तेलंगाना में कांग्रेस की जीत पक्की नजर आ रही है। चार राज्यों में से तेलंगाना एकलौता राज्य जहां शुरू से कांग्रेस आगे नजर आ रही है।
माना जा रहा है कि कांग्रेस वहां पर अपने दम पर सरकार बना लेगी। ऐसे में अब वहां पर सीएम को लेकर चर्चा तेज हो गई है। तेलंगाना में सीएम कौन होगा, इसको लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है। तेलंगाना में मुख्यमंत्री चेहरे की बात करें, तो इसमें कई दावेदार है।
उनमें सबसे पहला नाम कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी का नाम सबसे ऊपर है जबकि उनके अलावा सांसद कैप्टन एन उत्तम कुमार रेड्डी और कोमाटि रेड्डी वेंकट रेड्डी और मल्लू भट्टी विक्रमार्का जैसे नाम शामिल हैं।
इसके अलावा मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम भी शामिल है लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है। तेलंगाना कांग्रेस को मजबूत करने में रेवंत रेड्डी का बड़ा योगदान है। ऐसे में उनको सीएम बनाने पर कांग्रेस राजी हो सकती है। रेवंत रेड्डी तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं।
रेड्डी तेलंगाना में कांग्रेस के उन तीन लोकसभा सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने 2019 में जीत हासिल की थी। इस चुनाव में भी रेवंत तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के सामने गजवेल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले भी रेवंत रेड्डी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे थे तब उनके समर्थन में खूब नारे लगे थे और लोग उनको सीएम-सीएम कहकर लोग पुकार रहे थे। रेवंत रेड्डी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ कई मौकों पर नजर आये हैं।
उन्होंने कांग्रेस को तेलंगाना में फिर जिंदा किया और केसीआर बतौर सीएम हैट्रिक लगाने रोकने में उनका बड़ा योगदान है। रेड्डी चुनाव से पहले दावा करते रहे हैं कि 119 सीटों वाले तेलंगाना में कांग्रेस के 80 से ज्यादा विधायक बनेंगे। फिलहाल कांग्रेस वहां पर काफी आगे नजर आ रही है।
रेवंत रेड्डी का जन्म 1969 में अविभाजित आंध्र प्रदेश के महबूबनगर हुआ। छात्र राजनीति से कदम रखते हुए एबीवीपी का दामन थामने हुए उन्होंने टीडीपी से 2009 में विधायक बने और फिर 2014 में टीडीपी के सदन के नेता चुने गए लेकिन 2017 में उन्होंने टीडीपी से किनारा किया और कांग्रेस से हाथ मिला लिया।
2019 लोकसभा चुनाव में मलकाजगिरि से जीते और फिर 2021 में कांग्रेस ने उनको तेलंगाना कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। उन्होंने कांग्रेस को जमीनी स्तर मजबूत किया है और उसका नतीजा है कि कांग्रेस वहां पर सरकार बनाने जा रही है।