ओम कुमार
करोड़ों की नकली दवा की सप्लाई का आरोप झेल रहे यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन पर एक नया दाग चिपक रहा है . इस गंभीर संकट काल में भी कोरोना से जूझते चिकित्सा कर्मियों और चिकित्सकों के लिए चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में घटिया पीपीई किट की सप्लाई कर देने का मामला सामने आया है ।
जब जीआई एम सी नोएडा के निदेशक व मेरठ मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य ने इस पीपीई किट की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए तब चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक के.के.गुप्ता ने मेडिकल कालेजों में सप्लाई किये गये पीपीई को घटिया करार देते हुए इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है।
कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने में लगे डॉक्टरों सहित पैरामेडिकल स्टाफ को डब्लू.एच.ओ.के मापदंडों के अनुसार पी.पी.ई.किट(परसनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेण्ट)उपलब्ध करवाने के निर्देश हैं।प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में करोड़ों की नकली दवा की आपूर्ति करने का मामला अभी ठंढा नहीं हुआ था लेकिन कारपोरेशन पर मंत्री और शासन के अधिकारी इतने मेहरबान हैं कि अब इसे मेडिकल कालेजों में भी दवा आदि सप्लाई करने का ठेका दे दिया गया है।
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सूत्र बताते हैं कि महामारी होने पर भी कार्पोरेशन दिसम्बर महीने के बाद से सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाओं और सर्जिकल सामग्रियों की सप्लाई नहीं कर पाया है। हां, ये जरूर है कि इन्जे.ह्यूमन एंटी डी बिना मांग पत्र(डिमाण्ड)के ही अस्पतालों को भेज दिया और जब इन अस्पतालों ने जरुरत की न मानकर लेने से इंकार किया तो दबाव बनाने के लिये शासन में शिकायत की है।
सरकारी अस्पतालों में पी.पी.ई.किट के उपयोग पर नहीं लगी रोक
अभी केवल मेडिकल कालेजों में पी.पी.ई.किट के इस्तेमाल पर रोक लगी है। लेकिन कार्पोरेशन ने पी.पी.ई.किट की सरकारी अस्पतालों में भी सप्लाई की है,लेकिन स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक द्वारा इस किट के उपयोग पर रोक न लगाना एक गंभीर सवाल खड़े करता है।
अगले अंक में पढ़ें-मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन के बड़े कारनामे।