प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार
कोरोना वायरस COVID -19 , के कारण भारत में अभी तक 26,496 लोग संक्रमित हैं और 825 लोगों की मौत हो चुकी है। आज पूरी दुनिया में इस वक्त लगभग 2,891,490 लोग कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं। भारत में बड़े स्तर पर संक्रमण का परीक्षण हो रहा है। भारत में अभी तक करीब 2.74 लाख लोगों के सैंपल लिए गए हैं, हालांकि कई लोग सुविधा ना होने की वजह से टेस्टिंग नहीं करा पा रहे हैं। इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए अधिक से अधिक व्यक्तियों का परीक्षण होना आवश्यक है !
भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरस के संक्रमण की जांच के लिए देश भर में अलग-अलग प्रदेशों में स्थित संक्रमण परीक्षण केंद्र स्थापित किए हैं जहां पर COVID 19 की जांच कराई जा सकती है ! आशा की जाती है कि वह लोग जांच कराएं जिनमें बुखार, गले में खराश, नाक बहना, छींकें आने के लक्षण हों या जो संक्रमण ( Infection ) ग्रसित देशों से लौटे हों- चीन , हॉन्ग कॉन्ग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, ईरान, इटली आदि.वो लोग जिनका संक्रमित केस वाले लोगों से करीबी संपर्क रहा है. वे सारे लोग जिन्हें वुहान, चीन और डायमंड प्रिंसेस शिप जैसी अन्य जगहों से निकालकर क्वारंटीन किया गया है !
एक व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं हैं इसकी जांच के लिए मुख्य रूप से 2 विधियाँ हैं :
1. आनुवंशिक संरचना के आधार पर RT-PCR Test
2. रैपिड एंटीबॉडी Immunoglobulin Test :
आनुवंशिक संरचना के आधार पर RT-PCR Test
कोरोना वायरस का पता लगाने का पहला और सबसे प्रचलित तरीका व्यक्ति में SARS-CoV-2 वायरस के विशिष्ट आनुवंशिक सामग्री single stranded RNA का पता लगाने पर आधारित है।
क्या है इसका सिद्धांत :
Latin में “कोरोना” का अर्थ “मुकुट” होता है ! कोरोना वाइरस बड़े गोलाकार कणों के रूप में होते हैं। वायरस के कणों का व्यास लगभग 120 नैनोमीटर होता है। इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढाँचों के कारण Electron Microscope में इसका आकार मुकुट जैसा दिखता है, जिस कारण से इसका नाम ” कोरोना “ रखा गया था। । यह वायरस एक कैप्सूल के रूप में दो स्तरीय वसा के आवरण से ढका होता है ! कैप्सूल के अंदर एक न्यूक्लियोप्रोटीन (Nucleoprotein) के साथ जुड़े विशिष्ट आनुवंशिक सामग्री single stranded RNA होते हैं।
परीक्षण विधि
इस विधि में सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला कोरोना वायरस परीक्षण , WHO द्वारा स्वीकृत Nucleic Acid Amplification Test (NAAT) हैं जो COVID-19 बीमारी के लिए जिम्मेदार SARS-CoV-2 वायरस के आनुवांशिक सामग्री का पता लगाते हैं।
इस विधि में नमूना आमतौर पर Nasopharyngeal Swab तकनीक का उपयोग करके ऊपरी श्वसन पथ से एकत्र किया जाता है – जिसमें नाक के पीछे गले से एक नमूना इकट्ठा होता है, जिसमें श्लेष्म और लार का मिश्रण होता है।
नमूने एक विशेष प्रयोगशाला में लाए जाते हैं और एक Real Time Polymerase Chain Reaction (RT-PCR ) विधि का उपयोग करते हुए SARS-COV-2 के लिए “विशिष्ट आनुवंशिक सामग्री” की उपस्थिति का पता लगाया जाता है !
यहाँ एक उदाहरण है कि कैसे एक परीक्षण प्रणाली इसे पूरा करती है:
Swabbed Tissue को एक मानक प्रतिक्रिया शीशी में एकत्रित किया जाता है ! विभिन्न रासायनिक प्रक्रियों द्वारा वायरल जीनोम (आरएनए) के संश्लेषित आरएनए (RNA) को उजागर करने के लिए खुले वायरस को तोड़ कर वायरल आरएनए के एक विशिष्ट छोटे हिस्से को बांध जाता है ! वायरल जीनोम ( viral genome ) और Reagent के इस छोटे से bound viral genome को फिर कई बार (कुछ परीक्षणों में, कई लाख बार तक ) मिनटों से घंटों तक दोहराया जाता है। फिर, उसी समय में, एक और reagent विशेष रूप से प्रत्येक दोहराये हुए आनुवंशिक जीनोम को एक चिन्हित करने वाले रसायन (Marker ) से बांधता है। इस Marker को fluorescence से चमकने के लिए डिज़ाइन किया जा सकता है, जिसे मशीन अपने सेंसर के द्वारा कितने वायरस मौजूद हैं, इस पर निर्भर करते हुए, सकारात्मक परिणाम कुछ दिनों में हो सकते हैं ! इसके विपरीत, यदि परीक्षण एक निश्चित समय (मिनट से दिन) के बाद कोई वायरल सामग्री का पता नहीं लगाता है, तो परिणाम एक नकारात्मक परीक्षण माना जाता है !
COVID-19 कोरोनावायरस जीन परीक्षण के परिणामों का क्या अर्थ है?
सकारात्मक परीक्षण (Positive Test ) से मालूम होता है की व्यक्ति SARS-CoV-2 से संक्रमित है और इस बीमारी को प्रसारित करने में सक्षम माना जाता है और नकारात्मक परीक्षण ( Negative Test ) के कारण मालूम होता है की यक्ति SARS-CoV-2 से संक्रमित नहीं है !
अधिकांश देशों में मरीजों को परीक्षण प्रक्रिया में 3-4 दिन तक लग सकते हैं।
2. रैपिड एंटीबॉडी Immunoglobulin Test :
अब सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिरकार कोरोना वायरस टेस्ट रियल टाइम पीसीआर ( RT-PCR) से भी हो सकता है तो फिर इस रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट की क्यों जरूरत है। इसके लिए दो कारण बताये जाते है। पहला कारण यह है कि यह बहुत ही सस्ता है यह सिर्फ 300 रुपये में हो सकता है। जबकि रियल टाइम पीसीआर में करीब 4500 रुपए खर्च करने होते हैं। वहीं दूसरी वजह है इसमें समय भी कम लगता है ! 15 से 20 मिनट में इस टेस्ट से परिणाम का पता लगा लगाया जा सकता है। जबकि रियल टाइम पीसीआर का नतीजा आने में 2 से 3 दिन का समय लगता है। इस समय संक्रमण का मामला तेजी से फैल रहा है ऐसे में जल्दी टेस्ट करने के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट जरूरी है।
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट का सिद्धान्त
जब कोई व्यक्ति वायरस से संक्रिमित होता है तो उसके शरीर मे वाइरस से लड़ने के लिए Antibodies बन जाती है और उसकी प्रतिरोध क्षमता (Immunity ) अल्प और दीर्घ समय के लिए मजबूत हो जाती है। हमारे शरीर में विशेष प्रकार की इम्यून कोशिशकाएं (Immune Cells ) होती हैं जिसे बी-लिम्फोसाइट ( B Lymphocytes ) कहते हैं। जब भी शरीर में कोई बाहरी चीज (Foreign Bodies ) पहुंचती है तो ये कोशिकाए सक्रिय हो जाती हैं। बैक्टीरिया या वायरस द्वारा उत्सर्जित किए गए विषैले पदार्थों को निष्क्रिय करने का काम यही एंटीबॉडीज ( Antibodies ) करती हैं।
वायरस या किटाणुओं के शरीर में आने के सात दिन बाद पहला Antibody IgM बनती है और शरीर में इसका उत्पादन / श्रवण करीब 17-18 दिन तक होता है और 21 दिन पर ये एकदम सामान्य या शून्य हो जाती है.अगर किसी में IgM Antibodies पायी जाती है तो इसका मतलब है कि अभी उस मरीज़ को इन्फ़ैकशन है. ये इन्फेक्शन का एक सूचक है. वहीं 14वें दिन के बाद IgG Antibody बननी शुरू होती है, जो 28 दिन के बाद बहुत ज्यादा हो जाती है, उसके बाद कई महीनों तक ये बहुत ज़्यादा रहती है !
परीक्षण विधि
यहाँ एक नमूना है कि परीक्षण कैसे काम करता है:
- ताजा रक्त / सीरम या प्लाज्मा की 2-3 बूंदें इकट्ठा करें और इसे एक नमूना कंटेनर में रखें और प्रदान किए गए बफर के 2-3 बूंदों को उसी कंटेनर (कैसेट) में रखें। कैसेट मे SARS-CoV-2 Antigen को लेबल किया है जो IgM या IgG के साथ रासायनिक रूप से बाँध सकता है; इस प्रकार, Antigen IgG और Antigen IgM के Antigen / Antibody परिसरों का निर्माण कर लेगा और परिणाम का संकेत देगा (एक लाल रेखा) जो complex Anti IgM या Anti IgG के लिए बाध्य है ! परिणामों को 10 मिनट के बाद पढ़ा जाना चाहिए और 15 मिनट से अधिक नहीं (परीक्षण इस संबंध में एक घर गर्भावस्था परीक्षण जैसा दिखता है।) एक तीसरी लाइन एक नियंत्रण रेखा है; यह इंगित करता है कि परीक्षण ठीक से काम कर रहा है
COVID-19 Antigen Antibody Immunoglobulin परीक्षण परिणामों का क्या मतलब है?
नकारात्मक परिणाम: यदि केवल गुणवत्ता नियंत्रण रेखा (C) दिखाई देती है और पता लगाने की रेखाएँ G और M दिखाई नहीं देती हैं, तो कोई भी कोरोनवायरस वायरस का पता नहीं चला है और परिणाम नकारात्मक है।
- सकारात्मक परिणाम, IgM केवल: यदि गुणवत्ता नियंत्रण रेखा (C) और पता लगाने की रेखाएँ M दोनों दिखाई देते हैं, तो कोरोनोवायरस IgM Antibody का पता चला है और परिणाम IgM Antibody के लिए सकारात्मक है।
- सकारात्मक परिणाम, IgG केवल: यदि गुणवत्ता नियंत्रण रेखा (C) और पता लगाने की रेखाएँ G दोनों दिखाई देते हैं, तो कोरोनोवायरस IgG Antibody का पता चला है और परिणाम IgG Antibody के लिए सकारात्मक है।
- सकारात्मक परिणाम, IgG और IgM: यदि गुणवत्ता नियंत्रण रेखा (C) और दोनों का पता लगाने वाली रेखाएं G और M दिखाई देती हैं, तो कोरोनोवायरस IgG और IgM Antibody का पता चला है और परिणाम IgG और IgM दोनों Antibody के लिए सकारात्मक है।
COVID-19 के लिए Immunoglobuline Test ( IgG , IgM ) व्यक्ति में वायरस की उपस्थिति की पुष्टि नहीं कर सकते हैं। यह केवल बता सकता है कि क्या व्यक्ति अतीत में वाइरस से उजागर (Expose) हो चुके हैं या कभी SARS-CoV-2 के संपर्क में नहीं आए हैं। नतीजतन, इसे केवल एक स्क्रीनिंग टेस्ट ( Screening ) के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए और एक पूर्ण स्थिति निर्धारित करने के लिए आनुवंशिक-आधारित परीक्षण के साथ सुनिश्चित करने में उपयोग किया जाना चाहिए। COVID-19 निदान के लिए जेनेटिक परीक्षण सोने का मानक है !
( लेखक श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय, निम्बाहेड़ा (राजस्थान) के कुलपति तथा कानपुर विश्वविद्यालय व गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हैं)