प्रो. अशोक कुमार
कोविड–19 महामारी अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। हाल ही में, एक नए सब-वैरिएंट का पता चला है, जिसका नाम JN.1 है। यह सब-वैरिएंट ओमिक्रॉन से उत्पन्न हुआ है, और इसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हैं।
JN.1 सब-वैरिएंट में एक उत्परिवर्तन है जो इसे मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने और गुणा करने में आसान बनाता है। इससे यह अधिक संक्रामक हो जाता है। इसके अलावा, JN.1 सब-वैरिएंट को टीके और संक्रमण से प्राप्त प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम होने का संदेह है। इससे यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
JN.1 सब-वैरिएंट पहली बार चीन में दिसंबर 2022 में दर्ज किया गया था। यह तब से दुनिया भर में फैल गया है, और अब इसे 40 से अधिक देशों में पाया गया है। भारत में, JN.1 सब-वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
JN.1 सब-वैरिएंट के लक्षण अभी भी पूरी तरह से समझ में नहीं आए हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि यह अन्य कोविड-19 वेरिएंट के समान लक्षण पैदा कर सकता है, जिसमें शामिल हैं:
• बुखार
• खांसी
• सांस लेने में तकलीफ
• थकान
• मांसपेशियों में दर्द
• सिरदर्द
• गले में खराश
• स्वाद या गंध की हानि
JN.1 सब-वैरिएंट से संक्रमित लोगों में गंभीर बीमारी का खतरा अभी भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि यह अन्य कोविद-19 वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
JN.1 सब-वैरिएंट से बचाव के लिए, कोविद-19 टीकाकरण और बुनियादी सावधानियां बरतना महत्वपूर्ण है। इनमें शामिल हैं:
• मास्क पहनना
• सामाजिक दूरी बनाए रखना
• बार-बार हाथ धोना
JN.1 सब-वैरिएंट एक नया और चिंताजनक खतरा है। हालांकि, कोविड-19 टीकाकरण और बुनियादी सावधानियों से खुद को बचाया जा सकता है।
(पूर्व कुलपति कानपुर, गोरखपुर विश्वविद्यालय , वैदिक विश्वविद्यालय निंबहारा , निर्वाण विश्वविद्यालय जयपुर , अध्यक्ष आईएसएलएस, प्रिसिडेंट सोशल रिसर्च फाउंडेशन, कानपुर)