न्यूज डेस्क
भारत सरकार ने कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए आरोग्य सेतु एप को लॉन्च किया था। हालांकि लॉन्च के बाद निजता के उल्लंघन और एप की डेटा सिक्योरिटी को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं।
सरकारी ऐप आरोग्य सेतु ऐप के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मंगलवार रात जानकारी दी गई है कि ऐप में किसी भी प्रकार के डेटा या सुरक्षा उल्लंघन को नहीं है।
दरअसल एक फ्रांसीसी सिक्योरिटी रिसर्चर इलियट एल्डरसन ने ट्वीट कर दावा किया था कि आयोग्य सेतु ऐप में खामी पाई गई है और इसमें सुरक्षा की समस्या है। उनका कहना था कि इससे 90 मिलियन भारतीयों की गोपनीयता दांव पर है। क्या आप मुझसे निजी संपर्क कर सकते हैं?
#COVID19: ‘Aarogya Setu’ team issues a statement on data security of the mobile application. pic.twitter.com/vD55tAadis
— ANI (@ANI) May 6, 2020
इसके जवाब में आरोग्य सेतु ने लंबा बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि- ‘हमें ऐप में संभावित सुरक्षा के मुद्दे पर हैकर द्वारा सतर्क किया गया था, जिसके बारे में हमने हैकर के साथ चर्चा की। लेकिन हैकर के द्वारा किसी भी यूजर की कोई भी व्यक्तिगत जानकारी खत्म में नहीं पाई गई है।’
क्यों लेता है यूजर का लोकशन
आरोग्य सेतु के काम करने का तरीका ऐसा ही है और इसका जिक्र प्राइवेसी पॉलिसी में भी किया गया है। यूजर की लोकेशन का सिक्योर और एन्क्रिप्टेड तरीका से सर्वर पर स्टोर किया जाता है। रजिस्ट्रेशन के दौरान, सेल्फ असेसमेंट और कॉनटेक्ट ट्रेसिंग डेटा भरते दौरान ही किया जाता है।
इस ऐप को अब तक करीब 9 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है। कई जगह इसे डाउनलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह ऐप यूजर्स को यह जानने में मदद करता है कि उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा है या नहीं। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कहा था कि इस एप से निजता एवं डेटा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो रही हैं।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे फर्जी आरोग्य सेतु एप से भी सरकार की तरफ से सावधान रहने को कहा गया है। आरोग्य सेतु एप्लिकेशन गूगल प्ले स्टोर, एप्पल स्टोर, मेरी सरकार (माईगॉव) वेबसाइट पर उपलब्ध है। लोगों को आगाह किया है कि सोशल मीडिया के जरिए यदि कोई आरोग्य सेतु ऐप का लिंक भेजने का दावा करे तो उसे क्लिक न किया जाए। वो वायरस हो सकता है। ऐसे लिंक के बारे में पर रिपोर्ट करने को भी कहा गया है।