न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। देश का एक मात्र ऐसा केस जिसमें अदालत ने महज 9 दिन की सुनवाई के दौरान अपराधी को सजा सुनाई। जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के महोबा जिले की एक अदालत ने 16 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी को महज नौ दिन की नियमित सुनवाई कर 20 साल कैद की सजा सुनायी और उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता दिनेश सिंह कि माने तो अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम रामकिशोर शुक्ला की अदालत ने एक किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के मामले की नियमित सुनवाई की।
अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को सिर्फ 9 दिन में ही दोषी युवक रामकरण अहिरवार को 20 साल कैद की सजा सुनाई और इसके अलावा उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अधिवक्ता दिनेश सिंह ने बताया कि दोषी रामकरण के खिलाफ गत छह अक्टूबर को एक व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बहन को बहला- फुसला कर ले जाने का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने 20 दिन बाद किशोरी को बरामद किया और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अदालत में दर्ज कराए बयान में किशोरी ने दुष्कर्म किये जाने की बात कही थी।
अदालत ने 13 नवंबर को आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो कानून के तहत आरोप तय कर 9 दिन तक चली नियमित सुनवाई में उसे दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई। उन्होंने कहा कि देश का यह पहला मामला है, जब अदालत ने दोषी को महज नौ दिन में सजा सुनाई है।