जुबिली न्यूज डेस्क
केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक ईसाई महिला के मुस्लिम युवक संग संबंधों के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
महिला के पिता ने इस रिश्ते को अवैध बताते हुए अदालत में याचिका दायर की थी।
सऊदी अरब में नर्स के तौर पर काम करने वाली ज्योत्सना मेरी जोसेफ के सीपीएम से मान्यता प्राप्त डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DFYI) के मुस्लिम नेता के साथ रहने के मामले ने तब तूल पकड़ा, जब महिला के परिवार ने इसे ‘लव जिहाद’ बताया।
यह भी पढ़ें : “बेहद दुख के साथ हमें बताना पड़ रहा है कि हमारा बेटा इस दुनिया में नहीं रहा”
यह भी पढ़ें : यूपी में एलर्ट, धार्मिक परिसर से बाहर न आए आवाज
यह भी पढ़ें : राजपक्षे के इस कदम से श्रीलंका के सुधरेंगे हालात?
जस्टिस वीजी अरुण और जस्टिस सीएस सुधा की पीठ ने इस याचिका का निपटारा तब किया जब ख़ुद ज्योत्सना जोसेफ ने कोर्ट को बताया कि वो अपनी मर्जी से शेजिन के साथ रह रही हैं।
अदालत से ज्योत्सना ने ये भी कहा कि फिलहाल वो अपने परिवार के किसी भी सदस्य से बात नहीं करना चाहती हैं।
ज्योत्सना के पिता ने आरोप लगाया था कि उन्हें राज्य की पुलिस पर भरोसा नहीं है और केंद्रीय एजेंसी से अपनी बेटी का पता लगवाने की मांग की थी। राज्य में भाजपा के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने उन्हें मदद का भरोसा दिया था।
यह भी पढ़ें : विवाद शांत करने पहुंची पुलिस को ही पीटने लगे दबंग
यह भी पढ़ें : कामदेव की बीवी से मिलने पहुंचा मुकेश मगर उसके बाद जो हुआ
पीठ ने कहा कि वो परिवार की चिंता समझते हैं लेकिन उनकी बेटी 26 साल की है। वो अपने फैसले लेने के लिए आजाद है और कोर्ट उस पर दबाव नहीं बना सकता है।