जुबिली स्पेशल डेस्क
लखीमपुर खारी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दरअसल एसआईटी ने हादसे की धाराएं हटा दी हैं। इसकी जगह पर हत्या के प्रयास, अंग भंग, एक राय होकर क्राइम करना व असलहों के दुरुपयोग की धारा बढाई है। विवेचक ने रिमांड फाइल और अदालती मुकदमे में इन धाराओं को बढ़ाने के लिए अदालत में एप्लिकेशन दी, जिस पर आज सभी आरोपी कोर्ट तलब किये गए हैं।
सबसे खास बात है कि SIT ने माना है कि यह अपराध किसी लापरवाही का नतीजा नहीं, बल्कि जानबूझकर, साजिशन व जान लेने की नीयत से किया गया अपराध है। ऐसे में अब आशीष मिश्रा समेत सभी 13 आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है।
जानकारी के मुताबिक सीजेएम कोर्ट ने आशीष मिश्रा समेत सभी 13 आरोपियों पर 307 धारा लगाने का आदेश दे दिया है. मतलब अब हत्या के प्रयास की धारा (307) के तहत आशीष मिश्रा की जांच होगी
लखीमपुर सीजेएम कोर्ट ने आशीष मिश्रा समेत सभी 13 आरोपियों पर 307 हत्या का प्रयास, 326 खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना, 34 एक राय होकर घटना को करना, और 3/25/30 आर्म्स एक्ट यानी लाइसेंसी लाइसेंस के दुरुपयोग को मंजूर कर लिया है।
मालूम हो कि लखीमपुर के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हुए बवाल में चार किसानों समेत 5 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष समेत 13 आरोपी जेल में बन्द हैं।
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आशीष मिश्रा की जमानत पर हाइकोर्ट में सुनवाई चल रही है। SIT ने हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इस बीच विवेचना के दौरान धाराओं में बदलाव कर दिया गया है। सहायक अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार ने कहा कि लखीमपुर हिंसा मामले के विवेचक विद्याराम दिवाकर की ओर से आरोपियों के रिमाण्ड पर धाराएं बढ़ाने के लिए अर्जी दी गई है।