जुबिली न्यूज़ डेस्क
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना और बीजेपी के बीच सीएम पद के लिए घमासान जारी हो गया। लेकिन राजनीति अनिश्चितताओं का खेल है। रिजल्ट आए 13 दिन बीत चुके हैं, इसके बावजूद शिवसेना और बीजेपी दोनों ही अड़े हुए हैं। विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर तक ही है। ऐसे में नई सरकार के गठन की उल्टी गिनती भी शुरू हो चुकी है। अगले 72 घंटे राज्य की सियासत के साथ ही देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के लिए अहम हैं।
सरकार गठन पर शिवसेना से चल रही रस्साकशी के बीच बीजेपी अब आरएसएस की शरण में गई है। मंगलवार देर रात फडणवीस ने आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत से मंथन किया। खास बात यह है कि इस दौरान नितिन गडकरी भी मौजूद रहे।
माना जाता है कि मोहन भागवत और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के बीच मधुर संबंध हैं। सूत्रों के मुताबिक फडणवीस ने भागवत से सरकार गठन की डील पर शिवसेना को मनाने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक डील के तहत बीजेपी चार अहम मंत्रालयों में से दो शिवसेना को देने को तैयार है, हालांकि मुख्यमंत्री पद पर वह अड़ी हुई है।
विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना में शामिल होने वाले किशोर तिवारी ने मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी में कहा है कि इस मामले में संघ की चुप्पी से जनता नाराज है। तिवारी ने खत में लिखा कि नितिन गडकरी को बातचीत की जिम्मेदारी सौंपी जाए। वह दो घंटे के अंदर इस स्थिति को सुलझा लेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को पहले 30 महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है और फिर बचे हुए कार्यकाल के लिए बीजेपी फैसला कर सकती है। इससे साफ है कि अब भी शिवसेना पहले अपना सीएम चाहती है।