जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहकारिता विभाग में नियुक्तियों में हुए भ्रष्टाचार पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को ट्वीट कर इस कार्रवाई की जानकारी दी है।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक पिछली सरकार में सहकारिता विभाग में हुई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप था। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी जिसकी रिपोर्ट का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री ने मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
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जारी बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यूपी में नौकरी का एकमात्र मानक योग्यता है। पूरी पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी मिलेगी। इसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। बावजूद इसके नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुआ तो दोषियों को जेल में ही ठिकाना मिलेगा।
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प्रवक्ता के मुताबिक उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक (सामान्य) एवं सहायक प्रबंधक (कंप्यूटर) की वर्ष 2015-16 तथा प्रबंधक व सहायक/कैशियर पद पर 2016-17 में की गई भर्ती में भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी का आरोप है।
उन्होंने बताया कि इन्हीं आरोपों में उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड तथा उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल, लखनऊ की तत्कालीन प्रबंध समिति के अधिकारियों/ कर्मचारियों सहित सात आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया जाना है।
प्रवक्ता के मुताबिक एसआईटी जांच में उत्तर प्रदेश को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड के तत्कालीन दो प्रबंध निदेशकों, हीरालाल यादव व रविकांत सिंह, उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव, सचिव राकेश मिश्र, सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव के साथ-साथ संबंधित भर्ती कम्प्यूटर एजेंसी मेसर्स एक्सिस डिजिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ के अलावा उ.प्र. को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड और उ.प्र. सहकारी संस्थागत सेवामंडल, की प्रबंध समिति के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने की अनुशंसा की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी की अनुशंसा को स्वीकार करते हुए शुक्रवार को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उपरोक्त अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेराफेरी, साजिश समेत कई सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम में वर्ष 2013 व उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड में वर्ष 2015-16 में हुई भर्तियों के संबंध में जारी एसआईटी जांच एक माह के भीतर पूरी कर जांच आख्या उपलब्ध कराने के भी आदेश दिए हैं।
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