Tuesday - 29 October 2024 - 11:34 AM

आत्मनिर्भर भारत के आड़ में कारपोरेट का स्वागत

स्पेशल डेस्क

पूरा देश में कोरोना की चपेट में है। कोरोना कम होने का नाम नहीं ले रहा है और सरकार के पास लॉकडाउन को बढ़ाने के आलावा कोई चारा नहीं है लेकिन प्रवासी मज़दूरों की हालत देखकर किसी के लिए भी आंसू रोकना मुश्किल हो रहा है। कोरोना काल में देश की आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी है।

कहा तो यह भी जा रहा है कि अगर कोरोना खत्म भी हो जाता है तो आने वाले समय में देश को गरीबी काल से जूझना पड़ेगा। आर्थिक रूप से कमजोर हो चुकी कंपनियों को दोबारा खड़े होने में काफी समय लग सकता है।

उधर पीएम मोदी ने लॉकडाउन के चौथे चरण से पहले बीते मंगलवार को कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने और किसानों, श्रमिकों, मध्यमवर्ग के लोगों समेत समाज के सभी प्रभावित वर्गों और क्षेत्रों को राहत देने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी।

सरकार के इस आर्थिक पैकेज पर विपक्ष ने सवाल उठाया है। आत्मनिर्भर पैकेज को लेकर सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि कहीं न कही इस पैकेज से अडानी, वेदांता, टाटा पावर, अनिल अंबानी की रिलायंस को बड़ा फायदा तो नहीं होने वाला है। हालांकि इसके बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगा। सरकार फिलहाल इस पैकेज के सहारे अपनी पीठ थपथपाने में लगी हुई है।

देश के जाने-माने अर्थशास्त्री मनीष हिंदवी ने जुबिली पोस्ट से कहा कि यह कहना जल्दीबाजी होगा कि इस पैकेज से अडानी, वेदांता, टाटा पावर, अनिल अंबानी की रिलायंस को बड़ा फायदा होने जा रहा है लेकिन सरकार के इस पैकेज में बड़ा झोल है। उन्होंने कहा जो पहले से कर्ज में डूबे हुए वो इस पैकेज का क्या करेगे।

हालांकि उन्होंने कहा कि आर्थिक पैकेज से कुछ कारपोरेट जगत को फायदा होगा इससे आप इनकार भी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने समाज के आखिरी तबके पर खड़े लोगों तक मदद पहुंचाने की बात कह रही है लेकिन ये केवल सपनों में ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों मील चले मजदूरों, गरीबों को क्या मिलेगा, सरकार को ये भी बताना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि सरकार ने कोई पैकेज नहीं दिया बल्कि लोगों को बेवकूफ बनाया है।

क्यों उठ रहा है राहत पैकेज पर सवाल

20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद से राजनीति तेज हो गई है। भाजपा ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा ‘‘समग्र राहत पैकेज बता डाला है जबकि कांग्रेस ने कहा कि मोदी ने मीडिया को सिर्फ ‘हेडलाइन दी है। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच चरणों में राहत पैकेज के बारे में जानकारी देनी भी शुरू कर दी थी।

ये भी पढ़े: आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त: नीति अच्छी अब नीयत की बारी

ये भी पढ़े: CORONAMICS: डालर की सिमटती बादशाहत बदल देगी दुनिया का आर्थिक संतुलन

ये भी पढ़े: अभिजीत बनर्जी बोले- लोगों को आर्थिक मदद दे सरकार

ये भी पढ़े: न्यूजीलैंड की PM को कैफे में क्यों नहीं मिली एंट्री

शनिवार को जब निर्मला सीतारमण ने चौथे राहत पैकेज की घोषणा की तो इसपर सवाल उठना लाजमी इसलिए हो गया क्योंकि इस पैकेज में कारपोरेट सेक्टर को बड़ा फायदा होता नजर आ रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को घोषणा की थी और कहा था कि औद्योगिक आधारभूत ढांचों का अपग्रेडेशन, कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, एयरस्पेस मैनजमेंट, एयरपोर्ट्स, एमआरओ (मेंटनेंस, रिपेयर-ओवरहॉल), के्रद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सुधारों का ऐलान किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की इस घोषणा में कारपोरेट जगत का फायदा छुपा है।

ये भी पढ़े: 31 मई तक जारी रहेगा लॉक डाउन

ये भी पढ़े: वेब सीरीज रिव्यू: बुंदेलखंड में बदला लेना धर्म माना जाता है

ये भी पढ़े: गरीब की याददाश्त बहुत तेज़ होती है सरकार

जानें कहां-कहां किसको होगा बड़ा फायदा

अडानी, अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप के साथ-साथ टाटा पावर,जेएसडब्ल्यू स्टील, जीवीके, हिंडाल्को व जीएमआर जैसी कंपनियों को कोरोना काल में बड़ा फायदा मिल सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को जो भी घोषणा की थी वो इन कम्पनियों से ही जुड़ा है।

सरकार 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी करने की तैयारी में है। इतना ही नहीं माइनिंग लीज का ट्रांसफर भी किया जा सकेगा। ऐसे में टाटा पावर, रिलायंस पावर और टाटा स्टील को फायदा हो सकता है।

यह भी पढ़ें :कोरोना काल : सरकारें नहीं स्वीकारेंगी कि कितने लोग भूख से मरे

यह भी पढ़ें : तो क्या बढ़ने वाली है उद्योग जगत की परेशानी

सरकार ने नागरिक विमानन क्षेत्र में सुधार का फैसला किया है, पीपीपी माडल पर छह एयरपोर्ट का विस्तार किया जाएगा यह हवाई अड्डे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के होंगे। इसके अलावा एयर स्पेस का विस्तार भी किया जाएगा ताकि विमानों को कम दूरी तय करनी पड़े। अभी तक एयर स्पेस 60 फीसदी ही खुला है। इस क्षेत्र में एयरपोर्टस में अडानी ग्रुप का दबदबा होगा।

सरकार ने तय किया है कि रक्षा निर्माण में एफडीआई को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया जाये। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के शेयर बाजार में लिस्टेड होंगे। सरकार की कोशिश होगी कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को कारपोरेटाईज कर दिया जाये।

इस वजह से रक्षा में एफडीआई से अडानी और अनिल अंबानी समूह की कंपनियों को बल मिल सकता है। इतना ही नहीं बिजली कंपनियों के निजीकरण से अडानी का कारोबार भी बढ़ सकता है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com