न्यूज डेस्क
चीन इन दिनों कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे से जूझ रहा है। इस वायरस की चपेट में आने से अब तक वहां पर 25 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 835 लोग संक्रमित मिले हैं। चीन के बाद अब वायरस हांगकांग, मकाऊ और ताईवान में तेजी से पांव पसार रहे है। हांगकांग में भी 5 लोग संक्रमित मिले हैं।
चीनी अधिकारियों ने गुरुवार शाम हुबेई प्रांत में 5 शहरों हुगांग, एझाओ, झिजियांग, क्विनजिआंग और वुहान में सार्वजनिक परिवहन को रोकने की घोषणा की। इस वायरस के खतरे को कम करने के लिए अब चीन मात्र 6 दिन में एक नए हॉस्पिटल को बनाने की योजना बना रहा है।
बता दें कि 11 लाख की आबादी वाले वुहान से ही कोरोना वायरस की शुरुआत हुई है। फिलहाल, शहर में जाने वाली फ्लाइटों और ट्रेनों को बंद कर दिया गया है। कोरोना वायरस से जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी औसत उम्र 73 थी. मरने वालों में सबसे बुजुर्ग 89 साल का और सबसे कम उम्र का 48 साल का था।
कोरोना वायरस से भारत सरकार भी अलर्ट पर है। भारतीय दूतावास के मुताबिक, वुहान में केरल के 20 छात्र समेत कुल 25 छात्र फंसे हुए हैं। केरल के सीएम पिनराई विजयन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से पत्र लिखकर छात्रों को मदद मुहैया कराने की मांग की है।
बता दें कि वुहान शहर बंद होने के कारण भारतीय स्टूडेंट को खासी दिक्कत हो रही है। शहर में करीब 700 भारतीय स्टूडेंट हैं, जिनमें से अधिकतर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। बीजिंग में भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर +8618612083629 और +8618612083617 जारी किया है। इसके साथ ही स्टूडेंट को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए चीनी अधिकारियों के साथ बात की जा रही है।
इस बीच भारतीय दूतावास की तरफ से कहा गया कि सऊदी अरब में काम करने वाली केरल की एक महिला कोरोना वायरस से पीड़ित नहीं हैं। पहले यह खबर आई थी कि नर्स इस जानलेवा वायरस से पीड़ित हैं, लेकिन भारतीय दूतावास की तरफ से सऊदी अस्पताल में भेजे गए दो प्रतिनिधियों ने नर्स से मिलने के बाद इससे इनकार किया।
कोरोनावायरस के मरीजों के इलाज के लिए वुहान शहर में स्पेशल अस्पताल बनाया जा रहा है। इस अस्पताल को फिलहाल 6 एकड़ में तैयार किया जाएगा।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस बारे में निर्देश दे दिए गए हैं। वह शुक्रवार तक इसका पूरा डिजाइन बनाकर पेश कर देगी। इसके बारे में और ज्यादा जानकारी जल्द ही सामने आ जाएगी।
वुहान में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस वायरस के संक्रमण से रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है, इस कारण मौजूदा अस्पताल में बैड की संख्या में कमी हो गई है। इससे पहले चीन में 2003 में कोरोनावायरस का संक्रमण दिखाई दिया था। लेकिन उसके मुकाबले इस बार खतरा 10 गुना ज्यादा है।