– चीन से आने वाली खबरें डराती हैं
– अपुष्ट ख़बरों के अनुसार चीन में अब तक 25 हजार की मौत
– भारत में प्लेग से गई थी एक करोड़ लोगों की जान
राजीव ओझा
तो क्या कोरोना वायरस प्लेग से भी घातक सिद्ध होगा? क्या दुनिया पर एक तिहाई या उससे भी अधिक आबादी के सफाए का खतरा मंडरा रहा है? कोरोना वायरस पर चीन ने सच छिपा कर पूरी दुनिया के साथ धोखा किया है? चीन से छन छन के जिस तरह की खबरें आ रहीं हैं उसने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ ही दूसरे देशों, ख़ास कर भारत जैसे घनी आबादी वाले देशों की चिंता को बढ़ा दिया है।
अपुष्ट खबर तो यह भी है कि चीन के दावे के विपरीत वहां अब तक 700 नहीं, करीब 25 हजार से अधिक लोगों को मौत हो चुकी है। इस खबर की पुष्टि हो गई है कि चीन में जिस डॉक्टर ने सबसे पहले कोरोना के खतरे से अपने साथियों को आगाह किया था, उनकी भी मौत हो गई है।
इस बीच भारत के लिए फिलहाल राहत भरी खबर यह है कि जिन 636 छात्रों को जहाज से भारत लाया गया, उनमें से किसी में कोरोना का संक्रमण नहीं पाया गया। उत्तर प्रदेश में भी अभी तक किसी में कोरोना संक्रमण नहीं पाया गया है।
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कोरोना को लेकर सबसे बड़ा खतरा और चुनौती यह है कि अगर चीन की तरह भारत में कोरोना का संक्रमण हुआ तो क्या होगा? नई पीढी को शायद अनुमान नहीं है कि भारी पैमाने पर तबाही मचाने के कारण पूरे इतिहास में प्लेग कुख्यात रही है।
सन् 1898 से 1918 तक भारत में इसने एक करोड़ से अधिक लोगों की जान ले ली थी। यानी जितने लोग प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए थे, लगभग उतनी जान भारत में करीब दो दशक में प्लेग ने ले ली थी।
खबर है कि करीब दो दर्जन से ज्यादा देशों में कोरोना का संक्रमण फैल चुका है। इस घातक वायरस को लेकर कई देशों में काम करने वाली चीनी कंपनी टेनसेंट का दावा है कि चीन में मरने वालों की असली संख्या 25000 के आसपास पहुंच चुकी है।
बताया जा रहा कि कंपनी ने अनजाने में यह डाटा अपनी वेबसाइट पर डाल दिया। मगर पूरी दुनिया में आग की तरह खबर फैलने के बाद इस डाटा को हटा लिया गया। लेकिन इसके बाद भी चीन की सरकार की तरफ से मरने वालों की संख्या पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
इससे भी अधिक विचलित करने वाली एक खबर यह है कि चीन सरकार ने वायरस के और संक्रमण से बचने के लिए 20,000 से अधिक कोरोना वायरस रोगियों को मारने के लिए अदालत की मंजूरी मांगी है। हालांकि इस खबर की किसी भी आधिकारिक एजेंसी ने पुष्टि नहीं की है।
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ख़बरों में कहा गया है कि चीन की उच्चतम अदालत इस मामले में शीघ्र ही कोई फैसला दे सकती है। चीन सरकार ने अदालत को बताया है कि देश में कोरोना वायरस से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारी, जिनमें डॉक्टर भी शामिल हैं, इसके संक्रमण के कारण जान गवां रहे हैं। कहा गया है की कम से कम 20 स्वास्थ्य कर्मी प्रतिदिन इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं।
सरकार का कहना है कि कोरोना वायरस के रोगियों को अस्पतालों में भर्ती करने से उनको कुछ दिन की जिन्दगी मिल जाती है और उनकी मृत्यु देरी से होती है लेकिन इस प्रयास में अस्पताल में उनकी देखभाल करते समय कई अन्य लोगों को संक्रमित हो जाते हैं।
मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए चीन की पहले भी आलोचना होती रही है और कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने में चीन के दृष्टिकोण पर सवाल उठते रहे हैं। सरकार ने अदालत को बताया है कि यदि संक्रमण को शीघ्र काबू नहीं किया गया तो देश बड़ी संख्या में नागरिकों को खो सकता है। लेकिन अभी इस खबर की पुष्टि नहीं की जा सकी है। इसका कारण यह है कि चीन अहम् जानकारियों को लेकर हमेशा गोपनीयता बरतता है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, लेख में उनके निजी विचार हैं)