न्यूज डेस्क
भारत में कोरोना वायरस की वजह से 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है और 19 वां दिन है। लेकिन इस बीच देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। पूरे देश में कोरोना के 8356 मामले सामने आए हैं। वहीं, अब तक 273 लोगों की मौत हो गई है।
खास कर पिछले एक हफ्ते में भारत में कोरोना वायरस के मरीजो की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ है। इस बात को देखते दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों की सरकारों ने लॉकडाउन की बढ़ाने की मांग की है। जिसके बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि पीएम मोदी लॉक डाउन की अवधि को दो हफ्ते या कुछ और दिनों के लिए बढ़ा सकते हैं। बता दें कि लॉकडाउन की मियाद 14 अप्रैल को खत्म हो रही है और कई राज्यों ने इसे बढ़ाने की मांग की है।
खबर है कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लॉकडाउन बढ़ाने के प्रस्ताव पर केंद्र की मोदी सरकार देश को तीन जोन में बांट सकती है। सरकारी सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार कोविड-19 मामलों की संख्या के आधार पर देश को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटने पर विचार कर रही है। इस तरह के जोन में बांट कर सरकार कुछ छूट दे सकती है।
सरकारी सूत्रों की माने तो जहां सबसे ज्यादा कोरोना के केस आए हैं, उसे रेड जोन में रखा जाएगा। रेड जोन में पूरी तरह लॉकडाउन होगा और इसमें वे इलाके शामिल होंगे जहां संक्रमित लोगों की संख्या बहुत अधिक है।
ऑरेंज जोन में वे इलाके या जिले शामिल होंगे, जहां कोरोना वायरस के काफी कम मामले सामने आए हैं और पॉजिटिव मामलों की संख्या मे कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऑरेंज जोन वाले इलाकों में फसलों को काटने और सीमित पब्लिक ट्रांसपोर्ट की इजाजत दी जा सकती है।
वहीं, ग्रीन जोन में उन इलाकों को शामिल किया जाएगा जहां कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है। ग्रीन जोन में आने वाले कुछ छोटे उद्योगों को भी खोलने की इजाजत दी जा सकती है, मगर कर्मचारियों को कंपनी में ही रहने को कहा जा सकता है। साथ ही उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करना होगा।
बताया जा जा रहा है कि मोदी सरकार कुछ उद्योग धंधों को छूट दे सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी सरकार ने पहले ही मछली पालन और बिक्री से जुड़ी गतिविधियों को लॉकडाउन से छूट दे दी है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने मछलियां पकड़ने या समुद्री जलीय उद्योग को लॉकडॉउन से छूट देने के लिए आदेश जारी किया। इसके साथ ही मछली बेचने, खरीदने और उनकी पैकेजिंग समेत विभिन्न समुद्री गतिविधियों के लिए छूट मिल गई है।