न्यूज डेस्क
धारावी को मुंबई की सबसे घनी और गरीब आबादी वाला क्षेत्र माना जाता है। यहां करीब 15 लाख लोग रहते हैं। धारावी जैसे घनी इलाके वाले क्षेत्र में कोरोना वायरस महामारी के लक्षण पाया जाना एक चिंता का विषय है। घनी आबादी और भीड़ वाले इलाके में कोरोना फैलने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। यही बात एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती क्षेत्र धारावी के लोगों के लिए और पूरे महाराष्ट्र की जनता के लिए चिंता का सबब बनी हुई है।
गुरुवार को इस बस्ती में कोरोना वायरस का दूसरा पॉजिटिव केस दर्ज किया गया। यहां एक 54 वर्षीय सफाई कर्मचारी में कोरोना वायरस के पॉजिटिव लक्षण पाए गए हैं। जिस व्यक्ति में लक्षण पाए गए हैं, वह मुख्य रूप से वर्ली इलाके का रहने वाला है। लेकिन धारावी के माहिम फाटक रोड के पास काम करता था, जो कि मुंबई प्रशासन के लिए चिंता बढ़ाने वाला है। वह बीएमसी के साथ भी जुड़ा हुआ था।
डॉक्टरों के अनुसार, व्यक्ति में तीन-चार दिन पहले से कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे थे, जिसके बाद गुरुवार को वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया। यहां बुधवार को ही कोरोना की वजह से एक 56 वर्षीय व्यक्ति की जान चली गई थी। यहां कोरोना का केस आने के बाद प्रशासन ने नौ हाउसिंग सोसाइटी को पूरी तरह से सील कर दिया था, जिसमें करीब 2000 लोग रहते हैं।
बताते चले कि देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19′ के संक्रमण से अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1965 हो गई है। कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में देखा जा रहा है।
महाराष्ट्र में गुरुवार को तीन और लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। इसके साथ ही राज्य में कोविड-19 के मामले बढ़कर 338 हो गए हैं। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इन तीन लोगों में से दो पुणे से और एक बुलढाणा से सामने आया है। बुधवार तक महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 335 मामले सामने आए और 16 लोगों की मौत हो गई। मुंबई में अभी तक कोरोना वायरस से 12 लोग जान गंवा चुके हैं। राज्य की राजधानी में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या सबसे अधिक 181 है जबकि पुणे में 50 मामले दर्ज किए गए हैं।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने शहर में झुग्गियों, भवनों, नर्सिंग होम और आवासीय कालोनियों सहित 145 से ज्यादा ऐसी जगहों की पहचान कर उन्हें सील कर दिया है जहां से कोरोना वायरस संक्रमण के ज्यादा मामले मिले हैं। बीएमसी के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि पश्चिमी मुंबई में गोरेगांव के वर्ली कोलीवाड़ा, प्रभादेवी और बिम्बिसार नगर ‘रेड जोन’ में आए हैं और पुलिस की मदद से इन सभी को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों को संक्रमण मुक्त करने के लिए वहां रासायनिक घोल का छिड़काव किया गया। अधिकारी ने बताया कि स्थानीय निकाय ने इन जगहों की पहचान, वहां से एक या ज्यादा कोविड-19 के मरीज मिलने या वहां किसी के संक्रमित होने का संदेह होने के आधार पर किया है।