जुबिली न्यूज डेस्क
ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्टेन देखने को लि रहा है। यह पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब बन गया है।
पूरे यूरोप ने कोरोना के इस नए स्ट्रेन के आंतक को देखते हुए ब्रिटेन से खुद को अलग-थलग कर लिया है। इतना ही नहीं कई यूरोपीय देशों ने तो ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन के खतरे को देखते हुए अपनी सीमाओं को बंद करने के साथ ही यातायात को निलंबित कर दिया है।
ब्रिटेन में एक दिन में नए स्ट्रेन के 35 हजार से अधिक मामले मिलने के बाद टेंशन में आए यूरोपीय संघ के कई देशों ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है ताकि इसका प्रकोप उनके देशों में नहीं पहुंचे।
वहीं कई अन्य देश ऐसे ही प्रतिबंधों को लेकर विचार कर रहे हैं। फ्रांस, जर्मनी नीदरलैंड, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और इटली ने ब्रिटेन की यात्रा पर रोक लगाने संबंधी घोषणा कर दी है।
कोरोना वायरस के इस नए स्ट्रेन ने ब्रेक्जिट समझौतों पर भी अनिश्चितता के बादल गहरा दिए हैं। दरअसल, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के पास व्यापार समझौते के लिए 31 दिसंबर तक का वक्त है।
स्कॉटलैंड के पहले मंत्री निकोला स्टर्जन ने मांग की है कि 31 दिसंबर को समाप्त होने वाले ब्रेक्सिट ट्रांजिशन अवधि को बढ़ाया जाए, जबकि इस मांग का अब तक प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने विरोध किया है।
फ्रांस ने रविवार मध्यरात्रि के बाद से 48 घंटों के लिए ब्रिटेन से सभी तरह की यात्रा पर रोक लगा दी। पीएमओ की घोषणा में कहा गया कि ब्रिटेन जाने वाले लोग इससे प्रभावित नहीं होंगे। जर्मनी की सरकार ने कहा कि वह ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों को रोक रही है।
नीदरलैंड ने कम से कम इस साल के अंत तक ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है। उम्मीद की जा रही है कि वायरस के इस प्रकोप को देखते हुए उड़ानों पर रोक की अवधि और बढ़ाई जा सकती है।
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इसके अलावा बेल्जियम ने भी रविवार मध्यरात्रि से लेकर अगले 24 घंटों के लिए ब्रिटेन की उड़ानों पर रोक लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही ब्रिटेन की रेल सेवाओं की आवाजाही पर भी रोक लगा दी है।
वहीं ऑस्ट्रिया और इटली ने कहा है कि वह ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाएंगे। हालांकि, उन्होंने प्रतिबंध के समय से संबंधित कोई भी जानकारी साझा नहीं की।
यूरोपीय संघ के सदस्य तीनों देशों की सरकारों ने कहा कि वे ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा लंदन और आसपास के इलाकों के लिए शनिवार को उठाए गए सख्त कदम के मद्देनजर यह फैसला कर रही हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री जॉनसन ने श्रेणी-4 के सख्त प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन सामने आया है, जो पूर्व के वायरस के मुकाबले 70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है और लंदन व दक्षिण इंग्लैंड में तेजी से संक्रमण फैला सकता है।
हालांकि, ब्रिटेन के पीएम जॉनसन ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो साबित करे कि वायरस का नया प्रकार अधिक घातक है और इसपर टीका कम प्रभावी होगा।
भारत में भी आपात बैठक
ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार (स्ट्रेन) की पहचान होने के बीच भारत में इस पर चर्चा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को संयुक्त निगरानी समूह (जेएमजी) की आपात बैठक बुलाई है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना का नया प्रकार ब्रिटेन में संक्रमण को तेजी से फैलाने के लिए जिम्मेदार है। ब्रिटेन ने रविवार से सख्त लॉकडाउन लागू कर दिया है।
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