- एक बार फिर चीन कोरोना की चपेट में आ चुका है
- जीरो कोविड पॉलिसी में ढील के बाद मची तबाही
डॉ. प्रशांत राय
चीन में बीते कई दिनों से जीरो कोविड पॉलिसी लागू थी। इसके तहत लोगों को पूरी तरह लॉकडाउन का पालन करना था, लेकिन इसका जमकर विरोध हो रहा था।
ऐसे में सरकार ने जैसे ही कोविड के खिलाफ जीरो कोविड पॉलिसी में ढील दी वैसे ही कोविड-19 ने जमकर तबाही मचाना शुरू कर दी।
इसके बाद बड़ी संख्या में लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। खास बात यह है कि, चीन में अब तक कोरोना से 10 लाख मौतों की बात कही जा रही है, जो अपने आप में बहुत बड़ा आंकड़ा है। इस आंकड़े ने दुनियाभर में चिंता बढ़ा दी है। चीन में महामारी फैलने को लेकर बड़ा अलर्ट भी जारी किया है।
महामारी विशेषज्ञ का अनुमान है कि अगले 90 दिनों में चीन के 60 प्रतिशत से अधिक और पृथ्वी की 10 प्रतिशत आबादी के संक्रमित होने की संभावना है और लाखों लोगों की मौत भी हो सकती है।
चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के चीफ वू ज़ुन्यो के मुताबिक कोविड के खतरे को अनदेखा नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि चीन की 10% से 30% आबादी के संक्रमित होने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में तीन अवसर ऐसे होंगे, जब कोविड का तेजी से प्रसार हो सकता है. इसमें क्रिसमस, न्यू ईयर और लूनर न्यू ईयर शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकारी आदेश में कहा गया है कि कोविड के बढ़ते केसों को ध्यान में रखते हुए अब सभी को बेहद सावधानी बरतनी होगी।
क्योंकि राजधानी बीजिंग में संक्रमण बढ़ गया है, जहां कोविड के केस अब बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं । स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने ये भी दावा किया है कि अब चीन में संक्रमितों की संख्या एक दिन से भी कम समय में दोगुनी हो सकती है।
सिर्फ चीन ही नहीं यूरोप सहित कई देशों में कोरोना के मामले में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इनमें ब्राजील, जापान, जर्मनी और अमेरिका में कोविड-19 के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। अकेले जापान में बीते एक हफ्ते में दस लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. जो उससे एक हफ्ते पहले के मामलों से 23 फीसदी ज्यादा बताए जा रहे हैं। इसके अलावा साउथ कोरिया में भी कोरोना मामलों की रफ्तार डराने वाली है यहां 450000 नए केस आने से हड़कंप मचा हुआ है।
सबसे बड़ी चिंता है कि क्या भारत भी एक बार फिर कोरोना वायरस की चपेट में आ सकता है? चीन में व्यापक रूप से कोविड संक्रमण फैल रहा है, जहां तक भारत का संबंध है, भारत में बड़े पैमाने लोगों को कोविड के खिलाफ टीका लगाया जा चुका है। विशेष रूप से वयस्क आबादी को टीके लगाए जा चुके हैं।
इस सवाल का जवाब कोविड 19 वर्किंग ग्रुप NTAGI और INSACOG डेटा से पता चलता है कि दुनिया में हर जगह पाए जाने वाले ओमिक्रॉन के लगभग सभी सब-वेरिएंट भारत में पाए जाते हैं, ऐसे कई सब-वेरिएंट नहीं हैं जो यहां प्रचलन में नहीं हैं। हालांकि भारत के लिए बड़ी राहत की बात है कि, यहां कोरोना के नए मामलों में काफी गिरावट आ चुकी है और स्थिति नियंत्रण में है। चीन की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखना बहुत जरूरी है।
वैसे भारत में करीब अधिकतर आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है । पूरी दुनिया या भारत की बात करे तो अभी भी हर्ड इम्यूनिटी बहुत हद तक दिख रही। दरअसल हर्ड इम्यूनिटी तब आती है जब एक बड़ी आबादी में बीमारी से प्रतिरोधक क्षमता आ जाती है, ये टीकाकरण से भी हो सकता है और प्राकृतिक रूप से बीमारी के ठीक होने के बाद भी।
ओमिक्रॉन में वायरस के स्पाइक प्रोटीन वाले क्षेत्र में म्यूटेशन होने से वो वेरिएंट ऐसी क्षमता विकसित कर सकता है जिसमें कि वो इम्युनिटी से बच सकता है, यानी ये हो सकता है कि टीके या से पैदा हुई शरीर की प्रतिरोधी क्षमता का उस वायरस पर असर नहीं हो, और इस तरह से शायद ये नेचुरली वैक्सिनेटेड (यानी संक्रमित व्यक्ति के ठीक होने के बाद उत्पन्न हुवे एंटीबॉडी) को यह कम हानि पहुंचा सकेगा।
विज्ञान को माना जाए तो नेचुरल एंटीबॉडी हमेशा कृत्रिम एंटीबॉडी से कारगर रहती है चाहे वो किसी भी वायरस का संक्रमण हो। इस वैज्ञानिक सोच को अगर माना जाए तो जिनको संक्रमण हो चुका है और वो लोग रिकवर हो गए है तो उनको फिर अलग से वैक्सीन लेने की और कृत्रिम एंटीबॉडी बनाने की कोई जरूरत नहीं पड़नी चाहिए।
और इसको अगर दूसरे तथ्यों के आधार पर देखा जाए और शोध किया जाए तो संभवतः आज के समय में कोवीड 19 के शुरुवात के बाद से अब तक काफी नए लोगो में हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या आ रही है।
उसका एक मुख्य कारण यह भी ही सकता है कि भारत के अधिकतर लोग नेचुरली वैक्सिनेटेड थे और बाद में वो वैक्सीन की दोनो खुराक लिए और अब उनका शरीर हाई इम्यून सिस्टम के रिस्पॉन्स की वजह से प्रतिकूल प्रभाव शरीर के कई अंगों पर डालना शुरू कर दिया हो और उसमे हार्ट पर असर ज्यादा हो।
भारत में बड़ी राहत
भारत में कोविड-19 के मामलों को लेकर बड़ी राहत है. बीते पांच महीनों में लगातार कोविड-19 के मामलों में कमी देखने को मिल रही है. बीते एक हफ्ते में भारत में कोरोना से 12 मौत हुई, जो मार्च के बाद से सबसे कम आंकड़ा है. वहीं भारत में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान भी तेजी से चल रहा है. 19 दिसंबर को ही भारत ने 220 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार किया है।
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