न्यूज डेस्क
पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। अमीर देश हो या गरीब, कोरोना के संकट से उबर पाना किसी के आसान नहीं है। दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस को तोड़ ढ़ूढने में लगे हुए है, लेकिन हाल-फिलहाल अभी कोई उम्मीद की किरण नहीं दिख रही है। कोरोना का संक्रमण पूरी दुनिया से कब तक खत्म होगा, यह कोई नहीं जानता, लेकिन इतना तो तय है कि कोरोना वायरस जब इस दुनिया से जायेगा तो इंसानों के लिए अनगिनत चुनौतियां छोड़ कर जायेगा।
जिस रफ्तार से दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है उसी रफ्तार से आने वाले समय के लिए चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। आज की महामारी आने वाले समय में कई चुनौती देगी। यह चुनौती होगी बेरोजगारी की, गरीबी की, जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने की।
ये भी पढ़े :संकट एक, प्रतिक्रिया अनेक
पूरी दुनिया में कहर बरपा रही कोरोना वायरस ने अमीर देशों को छक्के छुड़ा दिए हैं। अमीर यूरोपीय देश कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे है लेकिन अभी तक कोरोना को हराने में कामयाब नहीं हुए हैं। अमेरिका जैसा कई अमीर देश एक साथ कई लड़ाई लड़ रहे हैं। इनके सामने कोरोना को हराने के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को गिरने से बचाने की भी चुनौती बनी हुई है। हाल फिलहाल आने वाले समय में किन चुनौतियों से लोगों को जूझना पड़ेगा इसको लेकर वर्ल्ड बैंक भी खुलासा किया है।
अमेरिका हो या चीन, इटली हो या जर्मनी, स्पेन हो या ब्रिटेन, सिंगापुर हो या आस्ट्रेलिया, कोरोना की मार से सभी देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। आने वाले समय में यह और प्रभावित होगी। जब अमीर देशों का यह हाल है तो गरीब देशों का क्या हाल होगा इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।
जब से कोरोना महामारी घोषित हुई हैं कई रिपोर्ट आ चुकी है। इन रिपोर्ट्स में कोरोना महमारी की वजह से आने वाले समय में लोगों की समस्याएं बढ़ेगी, ऐसी आशंका व्यक्त की गई है। फिलहाल वर्ल्ड बैंक ने एक रिपोर्ट जारी कर ऐसी ही कुछ आशंका व्यक्त की है।
वर्ल्ड बैंक ने दुनिया के दूसरे नंबर की मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देश चीन को आगाह किया है। वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस के कारण पर्यटन, ट्रेड और वस्तुओं की खरीद-बिक्री पर आधारित अर्थव्यवस्था खतरे में है। इसलिए कोरोना वायरस की महामारी के कारण एशिया में गरीबी का दायरा बढ़ सकता है।
ये भी पढ़े : करोना काल में जर्मनी : क्या हाल है अर्न्तराष्ट्रीय नागरिकों का
रिपोर्ट के मुताबिक इससे एशिया में बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका प्रभावित होगी। गरीब और गरीब होंगे और यहां तक कि अमीर देश भी कई तरह के संकट से जूझेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण चीन की अर्थव्यवस्था थम जाएगी। चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 फीसदी से 2.3 प्रतिशत हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक अगर महामारी बहुत ही बुरी स्थिति में पहुंच गई तो इस साल चीन की आर्थिक वृद्धि दर 0.1 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। चीन की तरह आसपास के देशों की अर्थव्यवस्था की हालत होगी।
बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ”इससे पूरे इलाके में गरीबी और लोगों के पास कमाई के जरिए न के बराबर बचेंगे। वर्ल्ड बैंक ने ये भी कहा है कि कोरोना वायरस की महामारी से अर्थव्यवस्था को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई में लंबा वक्त लगेगा।