जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर आने वाले दिनों में देश में सबसे ज्यादा मांग वाली दवा बनने वाली है. बंदरों पर किये गए टेस्ट के बाद साबित हुआ है कि आने वाले दौर में यही दवा कोरोना को हराएगी.
वैज्ञानिकों ने बंदरों को पहले एसएआरएस-सीओवी-2 से संक्रमित किया. कोविड-19 इसी वायरस से होता है. बंदरों को संक्रमित करने के बाद वैज्ञानिकों ने उन्हें रेमडेसिवीर दवा दी. वैज्ञानिकों ने बंदरों को दवा देने के बाद यह पाया कि इस दवा के पहुँचने के बाद संक्रमण काफी हद तक कम हो गया. वैज्ञानिकों ने पाया है कि रेमडेसिवीर दवा देने से कोविड-19 के मरीजों में निमोनिया को रोकने में मदद मिलती है.
वैज्ञानिकों ने छह बंदरों के दो ग्रुप बनाए. दोनों ग्रुप को एसएआरएस-सीओवी-2 से संक्रमित किया. एक ग्रुप को 12 घंटे बाद रेमडेसिवीर दवा दी गई और दूसरे ग्रुप को 24 घंटे बाद यह दवा दी गई. जिन बंदरों को 12 घंटे बाद ही दवा मिल गई उनका इन्फेक्शन फेफड़ों तक नहीं पहुँच पाया जबकि जिन्हें 24 घंटे बाद दवा मिली उनके फेफड़े संक्रमित हो गए और उनकी हालत गंभीर हो गई. इन बंदरों को दवा की उतनी ही डोज़ दी गई जितनी कि इंसानों को दी जानी चाहिए.
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वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन बंदरों को 12 घंटे बाद दवा दी गई थी उनमें तीन दिन में संक्रमण पूरी तरह से ठीक हो गया जबकि जिन्हें 24 घंटे बाद दवा मिली थी उनमें इन्फेक्शन बाकी था. वैज्ञानिकों ने बंदरों पर रेमडेसिवीर दवा का कारगर असर पाया है. अब इसका इंसानों पर क्लीनिकल ट्रायल किया जाएगा. उम्मीद की जारही है कि इस दवा से इंसानों का संक्रमण भी ठीक हो जाएगा. यह उम्मीद जीती तो भारत में कोरोना की हार तय है.