न्यूज़ डेस्क
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर दुनिभर के लोगों के लिए चेतावनी जारी की है। डब्लूएचओ ने कहा है कि दुनियाभर के लोगों को ऐसी परिस्तिथियों के लिए तैयार रहना चाहिए जिसमें कोरोना वायरस का संक्रमण कभी ख़त्म ही न हो। डब्लूएचओ ने साफ़ किया है कि दुनिया को कोविद 19 के साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपातकालीन मामलों के निदेशक माइकल रयान ने जेनेवा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही।उन्होंने कहा कि ‘कोरोना हमारे बीच क्षेत्र विशेष का एक अन्य वायरस बन सकता है और संभव है कि ये कभी ख़त्म ही ना हो।’ इस बीच उन्होंने एचआईवी का उदाहरण देते हुए कहा कि यह वायरस भी ख़त्म नहीं हुआ है।
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वैक्सीन में लग सकता है समय
माइकल रयान के अनुसार, वैक्सीन के बिना इस बीमारी को लेकर आम लोगों को इम्यूनिटी का उपयुक्त स्तर हासिल करने में कई साल लग सकते हैं। कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करने की कई कोशिशें की जा रही हैं। इसके लिए कम से कम 100 वैक्सीन बनाने की कोशिशों पर काम जारी है। लेकिन दुनिया भर के एक्सपर्ट ये आशंका जता रहे हैं कि ऐसी कोई वैक्सीन कभी तैयार ही नहीं हो पाएगी।
Media briefing on #COVID19 with @DrTedros https://t.co/euggX435FQ
— World Health Organization (WHO) (@WHO) May 13, 2020
लॉकडाउन में ढील देने से बढ़ सकता है संक्रमण
वहीं दूसरी तरफ दुनिया भर के देशों ने अपने यहां लॉकडाउन में ढील देना शुरू कर दिया है। इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेडरॉस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने चेताया है कि ऐसा करने से इसके संक्रमण की रफ़्तार बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि कई देश लॉकडाउन से निकलने के लिए कई तरीके अपना रहे हैं लेकिन डब्लूएचओ सभी देशों को अलर्ट पर रहने की सलाह दे रहा है।
रयान ने कहा, यह महत्वपूर्ण है कि ‘हमें वास्तविकता के साथ सोचना होगा’। मेरे ख्याल से अभी कोई नहीं बता सकता कि ये वायरस कब तक मौजूद रहेगा। इसको लेकर कोई वादा नहीं किया जा सकता है और ना कोई तारीख़ तय की जा सकती है।’ इस वायरस का निदान ढूंढ़ना एक लंबी प्रक्रिया है और हो सकता है कि कभी पूरी भी ना हो।
रयान के अनुसार अगर वैक्सीन तैयार भी हो जाती है तो पहले उसे दुनिया भर में टेस्ट करना होगा। कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए बहुत बड़े प्रयास की ज़रूरत आने वाले दिनों में भी पड़ेगी।