न्यूज़ डेस्क
प्रवासी श्रमिकों की स्थिति और मौजूदा संकट से निपटने के लिए सरकार ने जो कदम उठाए हैं उसको लेकर विपक्ष एकजुट होने जा रहा है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक होगी। हालांकि ये बैठक वीडियो कांफ्रेस के जरिये होगी। इस बैठक में कांग्रेस द्वारा बुलाई गई राजनीतिक दलों में सपा और बसपा शामिल नहीं होगी साथ ही आम आदमी पार्टी भी हिस्सा नहीं लेगी।
वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी नेता शरद पवार, डीएमके नेता एमके स्टालिन मौजूद होंगे।
इसके अलावा राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के अध्यक्ष अजित सिंह और लेफ्ट की ओर सीताराम येचुरी भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे। जनता दल (सेक्युलर) से एचडी देवगौड़ा और नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारुख अब्दुल्ला या उमर अब्दुल्ला में से किसी एक के शामिल होने की उम्मीद है।
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गौरतलब है कि आज ही पीएम मोदी बंगाल के तूफान प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने जा रहे हैं। इसलिए ममता बनर्जी की इस बैठक में देर से शामिल होने की उम्मीद है, लेकिन उससे पहले टीएमसी की ओर से डेरेक ओ ब्रायन हिस्सा लेंगे। वहीं अभी तक विपक्षी दलों की बैठक से ममता बनर्जी और शिवसेना ने हमेशा दूरी बनाए रखी थी, लेकिन पहली बार दोनों शामिल हो रहे हैं।
विपक्ष लगा रहा ये आरोप
कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पिछले 25 मार्च से देश में लॉकडाउन लगने के बाद बड़ी संख्या में श्रमिक शहरों से अपने घर जाने के लिए पैदल निकल रहे हैं। इससे कई जगहों पर वो हादसों का शिकार भी हो रहे हैं। विपक्षी दलों ने सरकार पर प्रवासी श्रमिकों से जुड़े इस संकट से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि इस बैठक में, कुछ प्रदेशों में श्रम कानूनों में किए गए हालिया बदलावों को लेकर चर्चा हो सकती है। कुछ राज्यों में श्रम कानूनों में बदलाव करते हुए कामकाज के घंटों को बढ़ाया गया है।