न्यूज डेस्क
देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भले ही 12380 हो गई हो और मरने वालों का आंकड़ा 414 हो गया हो, लेकिन इस बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है। पिछले 12 घंटे में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई है, जिससे पिछले 12 घंटे में 447 केस और 22 मौतें दर्ज की गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के कुल 12380 मामलों में से 10477 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा, 1488 लोग पूरी तरह से ठीक हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के गुरुवार सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस से सर्वाधिक 187 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 3398 हो गई है।
दूसरी ओर जिस चीन से कोरोना वायरस दुनियाभर में फैला, अब वही मेडिकल सप्लाई के नाम पर दुनिया के साथ मजाक कर रहा है। यूरोपीय देशों समेत कई जगहों पर चीन ने इतने घटिया पीपीई किट भेजे हैं, जिन्हें पहना ही नहीं जा सकता। सोशल मीडिया पर ऐसे तमाम वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें चीन के भेजे पीपीई किट पहनते ही फट जा रहे हैं।
मास्क के नाम पर भी चीन ने शर्मनाक हरकतें की हैं। बीतें दिनों उसने अपने ‘सदाबहार दोस्त’ पाकिस्तान तक को अंडरवेअर से बने मास्क भेजे थे। अब भारत के साथ भी उसने ऐसा ही भद्दा मजाक किया है। हालांकि, किरकिरी के बाद चीन ने अपने यहां क्वॉलिटी चेक बढ़ाया है।
खबरो की माने तो भारत सरकार को 1,70,000 पीपीई किट डोनेट की गई थीं जिसमें से 50,000 किट्स क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गईं। 30,000 और 10,000 किट्स के दो छोटे कंसाइनमेंट्स भी आए थे जो टेस्ट में फेल हो गए। ये किट्स डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन लेबोरेट्री ग्वालियर में टेस्ट की गईं थीं।
एक ओर सरकारी अधिकारियों ने कहा कि वे केवल CE/FDAcertified PPE किट ही खरीद रहे हैं। डोनेशन के रूप में मिले कुछ किट्स क्वालिटी टेस्ट में विफल रहे और उनका उपयोग नहीं किया जा सकता है। वहीं इस मामले से जुड़े व्यक्ति ने कहा कि एफडीए/सीई- स्वीकृत को भारत में गुणवत्ता परीक्षण पास करना होगा।
सरकारी सूत्र के अनुसार इधर रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट्स (गुआंगज़ौ वोंडफो से 3 लाख और झुहाई लिवज़ोन से 2.5 लाख का पहला लॉट) और RNA एक्सट्रैक्शन किट (MGI शेन्ज़ेन से 1 लाख) कल देर रात क्लीयर किए गए सभी कस्टम आज सुबह भारत के लिए रवाना हो गए। कुल मिलाकर, 6.5 लाख किट रास्ते में हैं। उन्हें आज पहुंच जाना चाहिए। बीजिंग में हमारे दूतावास और गुआंगज़ौ में वाणिज्य दूतावास ने इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सूत्र ने बताया कि क्वॉलिटी टेस्ट में जो कंसाइनमेंट्स फेल हुए हैं, उन्हें देश की बड़ी प्राइवेट कंपनियों ने डोनेशन के तौर पर भारत सरकार को दिया था। हालांकि उन्होंने इन दानकर्ताओं के नाम से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी। भारत को रोजाना करीब 1 लाख PPE की जरूरत है। हालांकि एक्सपोर्ट में गिरावट और वायरस के प्रकोप के चलते दुनियाभर में मांग बढ़ने के चलते इन किट्स की पर्याप्त मात्रा में सप्लाई काफी चुनौतीपूर्ण बन गई है।
भारत में अधिकतर किट्स चीन, जापान और कोरिया से आते हैं। हालांकि जापान और कोरिया के किट्स काफी महंगे हैं। दुनियाभर में तेजी से फैलते कोरोना वायरस के चलते यूरोप और अमेरिका ने अब एक्सपोर्ट के लिए इन किट्स को बनाना बंद कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि किट की कमी को पूरा करने के लिए ट्रेडर्स के जरिए अतिरिक्त 10 लाख सूट्स का ऑर्डर दिया गया है। इन ट्रेडर में एक सिंगापुर की कंपनी भी शामिल है। हालांकि ये सभी सूट्स चीन से ही मंगाए जाने हैं।
सरकार 18 अप्रैल से डिलीवरी मिलने की उम्मीद कर रही है। सूत्रों ने बताया, ‘मई के पहले हफ्ते तक हमारे पास ये सूट्स होने चाहिए। इस बीच और भी ऑर्डर दिए जाएंगे।’ सरकार का आंतरिक आकलन कहता है कि अगर भारत में पास इस समय 20 लाख सूट्स होते तो वह अभी के मुकाबले कहीं बेहतर स्थिति में होता। अधिकारियों का कहना है कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘ऑर्डर की संख्या बढ़ती जा रही है। अधिकतर ऑर्डर चीन से आने हैं। इस मामले में अभी तक हम पूरी तरह इंपोर्ट पर निर्भर थे और हमने कभी नहीं सोचा था कि इसकी मांग में बढ़ोतरी होगी।’