न्यूज़ डेस्क
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है। 188 देशों में अब तक कोरोना वायरस का संक्रमण पहुंच चुका है। इस महामारी से बचने के लिए दुनिया के कई देशों ने लॉकडाउन लगा रखा है। हालांकि जहां जहां कोरोना के मामलें कम होते जा रहे हैं वहां -वहां लॉकडाउन में भी ढील दी जा रही है।
पिछले करीब तीन महीने से कई देशों में लॉकडाउन लगा हुआ है जिसकी वजह से कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा घरों में कैद हैं। लोग जरुरत का सामान लेने के समय ही बाहर निकल रहे हैं जिससे इस बीमारी को रोका जा सके। लेकिन क्या आप जानते हैं घरों में कुछ इस तरह के दुष्प्रभाव हैं जो आपको कमजोर बना रहे हैं।
दरअसल लोगों का विकास दिन और रात के 24 घंटे के अनुसार हुआ है। हमारे शरीर के अन्दर एक प्रकार की जैविक घडी मौजूद होती है। यह घडी दिन के उजाले और रात के अंधेरे के बीच तालमेल बना कर अपना काम करती है। दिन में मौजूद सूरज की किरणों से हमे विटामिन डी मिलता है जोकि हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। साथ ही फेफड़ों की रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ाता है।
इटली में कोरोना से मरने वालों में विटामिन डी की कमी
किसी भी प्रकार का संक्रमण होने पर फेफड़ों के अंदर के हिस्से की ऊपरी परत से पेप्टाइड निकलता है जोकि बैक्टीरिया और वायरस को मरता है। इसे कैथेलिसिडिन कहा जाता है। ये कैथेलिसिडिन हमारी बी और टी इम्यून सेल को मजबूत करता है। जबकि विटामिन डी की कमी होने से सांस की नली में वायरस का इन्फ़ेक्शन होने की आशंका कुछ ज्यादा रहती है।
हालांकि वैज्ञानिक इस बात को जानने में लगे हुए हैं कि क्या विटामिन डी के सप्लीमेंट लेने से कोविड-19 से लड़ने में मदद मिलती है? इस मामलें में डब्लिन के ट्रिनिटी कॉलेज की रिसर्चर का कहना है कि इटली और स्पेन में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों में विटामिन डी की भारी कमी पायी जाती है।
इसके लिए विटामिन डी के सप्लीमेंट लेने से बेहतर है कि सूरज की रौशनी से इसे प्राप्त किया जाए। विटामिन डी से अन्य वायरल इन्फ़ेक्शन से भी लड़ने में मदद मिलती है, जैसे कि इन्फ्लूएंज़ा या सामान्य सर्दी खांसी।
कम हो रही रोग प्रतिरोधक क्षमता
लॉकडाउन लगे होने की वजह से अधिकतर लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे, जिससे उनके व्यायाम करने में भी कमी आई है। जबकि व्यायाम तनाव को कम करने में काफ़ी मदद करता है। और जब तनाव कम होता है, तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक काम करती है।
इसके अलावा अगर आप पार्क, बागीचे या हरे भरे इलाक़े में व्यायाम करते हैं तो इससे आप ब्लड प्रेशर के साथ ही दिल की बीमारियों से बचते हैं। बाहर घूमने फिरने से अकेलापन भी दूर होता है। हम अन्य लोगों के संपर्क में आते हैं। इससे हमारे ज़हन को आराम करने और रिकवर करने में भी काफी सहायता मिलती है।
इसलिए लॉकडाउन जारी रहते हुए आपको ये कोशिश करनी चाहिए कि दिन में कम से कम एक बार ज़रूर घर से बाहर निकलें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ख़ुद को सूरज की तपिश में झुलसायें। सूरज की रोशनी और क़ुदरत से नज़दीकी, ज़ख़्मों पर मरहम सा काम करते हैं।