न्यूज़ डेस्क
देश में कोरोना वायरस का कहर फैला हुआ है। इससे बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। इस बीच उत्तराखंड की जानी मानी प्रसिद्ध चारधाम की यात्रा 26 अप्रैल से शुरू हो रही है। जी हां गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही इस यात्रा की शुरुआत हो जाएगी।
खास बात ये हैं कि लॉकडाउन की वजह से बद्रीनाथ धाम के कपाट कैसे खुलेंगे और कैसे पहली पूजा की जाएगी। इसको लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। हालांकि चर्चा इस बात की ज्यादा है कि लॉक डाउन की वजह से बद्रीनाथ में जो पूजा करने वाले रावल पहुंचते हैं वो यहां कैसे पहुंचेंगे।
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि पारंपरिक रूप से रावल के द्वारा ही बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद पूजा होती है। ऐसे में इस बार लॉक डाउन की वजह से रावल का पहुंचने को लेकर उम्मीद कम है। अगर ऐसा होता है तो इस बार ब्रह्मचारी सरोला ब्राह्मण द्वारा पूजा कराई जा सकती है। गौरतलब है कि इस बार बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलगें।
ख़बरों की अनुसार, चार धाम यात्रा की शुरुआत के साथ ही इस बार बदरीनाथ धाम में रावल के न आने पर ब्रह्मचारी सरोला ब्राह्मण से पूजा कराई जा सकती है। इस बात की व्यवस्था बदरी-केदार एक्ट में की गई है।
फ़िलहाल राज्य सरकार प्रयास कर रही है कि रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी कपाट खुलने से पहले पहुंच जाएं। इससे पूजा शुरू होने में कोई बाधा न आ सके। इस बारे में मंदिर समिति एक्ट के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी ने बताया कि 1939 में बने एक्ट में इस बात की व्यवस्था की गई है कि किसी वजह से रावल नहीं आ पाते हैं तो ब्रह्मचारी सरोला ब्राह्मण पूजा कर सकते हैं।
जाहिर है कि उत्तराखंड में हर साल होने वाली इस यात्रा की शुरुआत 26 अप्रैल से होती है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही इस यात्रा की शुरुआत होगी। इसके बाद 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे। जबकि 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। इसके साथ ही अगले छह महीने तक चलने वाली इस पवित्र यात्रा की शुरुआत हो जाएगी।
हालांकि इस बार की चार धाम यात्रा में कोरोना वायरस की वजह से रौनक कम होने की सम्भावना जताई जा रहा है। इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है। पिछले दिनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की अवधि को तीन मई तक बढ़ाने का ऐलान किया था। इसका असर चार धाम की यात्रा पर भी पड़ सकता है।