प्रमुख संवाददाता
लॉक डाउन का मकसद कोरोना के संक्रमण को विस्तार से रोकना है। जहाँ तक यह संक्रमण पहुँच चुका है उसका तो इलाज करना ही है। इलाज के दौरान संक्रमण का शिकार व्यक्ति मददगारों को भी संक्रमित कर रहा है। देश और दुनिया मंं तमाम डॉक्टर संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। स्पाइसजेट का एक पाइलेट भी कोरोना संक्रमित पाया गया है।
बिहार के डाक्टरों ने सरकार के सामने स्पष्ट रूप से कहा था कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के पास मास्क और ग्लब्ज़ की कमी है। मुम्बई में कोरोना संक्रमित लोगों से 4 डाक्टर संक्रमित हुए और एक रिटायर्ड यूरोलाजिस्ट की मौत भी हो गई। इलाज के दौरान संक्रमण का शिकार कई डाक्टरों की भारत के अलावा चीन, इटली और पाकिस्तान में मौत हो चुकी है।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने देश भर में लॉक डाउन कर दिया है और लोगों को उनके घरों में हीब रोक दिया है लेकिन डॉक्टर तो संक्रमित लोगों के बीच में हे है तो ज़ाहिर है कि मौजूदा समय में सबसे ज्यादा रिस्क में डॉक्टर ही हैं। ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए डॉक्टरों की ज़रूरतों को पूरा करने का इंतजाम सबसे पहले लिया जाना चाहिए।
बाज़ारों में मास्क और सैनेटाइज़र की कमी हो गई है।बाज़ारों से तमाम लोगों ने ज़रूरत से ज्यादा मास्क और सैनेटाइज़र की खरीददारी कर ली है। जो लोग घरों के भीतर हैं उनसे ज्यादा इन मास्क की ज़रूरत उन डॉक्टरों को है जो संक्रमित मरीजों को बचाने के लिए रात दिन उनके बीच हैं। ऐसे समय में सरकार को सबसे पहले डॉक्टरों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने होंगे।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में डॉक्टर मास्क, ग्लब्ज़ और अन्य प्रोटेक्टिव उपकरण की कमी से जूझ रहे हैं। कराची के सबसे बड़े अस्पताल के पांच डाक्टरों के संक्रमित हो जाने के बाद डाक्टरों में डर का भाव पैदा हो गया है। पाकिस्तान मेडिकल एसोसियेशन के प्रवक्ता डॉ. कैसर सज्जाद के अनुसार पाकिस्तान में डॉक्टरों के पास अपने बचाव के पर्याप्त उपकरण नहीं हैं।
पाकिस्तान इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस के अध्यक्ष ने इमरान खान सरकार को धमकी दी है कि अगर डॉक्टरों को ज़रूरी उपकरण नहीं दिए गए तो वह संक्रमित मरीजों को छूने से भी इनकार कर सकते हैं। यह एलान एक युवा डॉक्टर ओसामा रियाज़ की मौत के बाद किया गया।हालांकि ओसामा को राष्ट्रीय नायक का दर्जा दिया गया है।
कोरोना से जंग करते हुए मर जाने वाले पाकिस्तान के डाक्टर को मौत के बाद राष्ट्रीय नायक का दर्जा दे दिया गया। भारत सरकार ने कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों का 50 लाख रुपये का बीमा कराया है। बेहतर तो यह होता कि इस त्रासदी से जूझ रहे डाक्टरों को समय रहते सभी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने का इंतजाम कर दिया जाए। देश की कई जेलें मास्क बनाने का काम कर रही हैं। इन जेलों से डॉक्टरों के लिए मास्क बनवाने का ऑर्डर दिया जाना चाहिए।
दूसरे देशों में रह रहे भारतीयों को लाने के लिए भेजे जा रहे विमानों के पायलट और अन्य कर्मचारियों को बचाने के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। स्पाइसजेट के एक पायलट के संक्रमण का शिकार होने के बाद यह भी ज़रूरे हो जाता है कि विमान कम्पनियों में काम करने वालों को भी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये जाएँ।
कोरोना संक्रमित इस पायलट ने 21 मार्च को चेन्नई से दिल्ली की आख़री उड़ान भरी थी।इस उड़ान के बाद हालांकि उन्होंने घर में खुद को आइसोलेट कर लिया था लेकिन जांच में उन्हें पाजिटिव पाया गया। विमान कम्पनी ने अपने सभी कर्मचारियों को अपने-अपने घरों में सेल्फ आइसोलेट का आदेश दिया था।