जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। पूरे देश में कोरोना का कहर अब भी जारी है। हालांकि कोरोना वायरस की दूसरी लहर से इस समय भारत जूझ रहा है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि भारत में हर दिन तीन से चार लाख कोरोना के नये केस सामने आ रहे हैं।
हालांकि अब भी
बड़ा सवाल है कि आखिर कोरोना वायरस आया कहा से। इसको लेकर कई तरह के सवाल है। कहा जाता है कि चीन से इस वायरस की शुरुआत हुई है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के चीन के लैब से लीक हुआ है और
यहीं से पूरी दुनिया में फैला और जमकर तबाही मचायी है। हालांकि चीन इस मुद्दे पर हमेशा खामोश रहा है और इसपर कभी ठोस जवाब नहीं दिया है। अब विश्व के टॉप वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक बेहद चौंकाने वाला बयान दिया है और कहा है कि वायरस के चीन के लैब से लीक होने की थ्योरी को खारिज नहीं किया जा सकता, जब तक डाटा आधारित गहन जांच के आधार पर इसे खारिज नहीं किया जाता है।
अगर थोड़ा पीछे जाये तो साल 2019 में चीन मेें ही पहला मामला सामने आया था और फिर इसके बाद कोरोना का कहर पूरे चीन में टूटा था और फिर अन्य देशों में जैसे इटली, जर्मीन व ईरान जैसे देशों में चीन से निकला कोरोना वायरस ने लगातार तबाही मचायी है। बताया जा रहा है कि 30 लाख से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है।
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कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल माइक्रोबॉयलॉजिस्ट रवींद्र्र गुप्ता और फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर में विषाणुओं के विकास पर अध्ययन करने वाले जेसी ब्लूम सहित 18 वैज्ञानिकों ने कहा है कि महामारी की उत्पत्ति को लेकर और ज्यादा रिसर्च की आवश्यकता है।
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वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कोरोना वायरस संक्रमण की उत्पत्ति और फैलने के बारे में वुहान में की गई जांच में सभी पहलुओं का ध्यान नहीं रखा गया है, साथ ही लैब से वायरस के लीक होने की थियरी को जांच के लायक भी नहीं समझा गया।