न्यूज़ डेस्क
कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज का ऐलान किया था। इस राहत पैकेज को पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के लोगों के सामने रखा। इस बीच अब भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास आज सुबह दस बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास अपनी प्रेस कांफ्रेस में रेपो रेट में कटौती की हैं साथ ही लोन की किस्त देने पर 3 महीने की अतिरिक्त छूट दी गई है।
रेपो रेट में की कटौती
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि पिछले तीन दिन में एमपीसी ने घरेलू और ग्लोबल माहौल की समीक्षा की गई। इसके बाद रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया गया है। ऐसा दूसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट पर कटौती की है। इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर ने 0.75 फीसदी कटौती का ऐलान किया था। अब रेपो रेट 4.40 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो गई है।
EMI पर मिली तीन महीने की अतिरिक्त छूट
रेपो रेट के साथ ही आरबीआई के अगले तीन महीनों के लिए EMI पर छूट दी हैं। इस मोहलत के ऐलान के बाद ग्राहकों को कुल 6 महीने की छूट मिल जाएगी।अब अगर आप कुल 6 महीने तक लोन की ईएमआई नहीं देना चाहते हैं तो बैंकों की ओर से कोई दबाव नहीं डाला जाएगा। साथ ही आपके क्रेडिट स्कोर पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यानी बैंक की नजर में आप डिफॉल्टर नहीं होंगे।
इससे पहले एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया कि अब 31 मई तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है। ऐसे में ये उम्मीद हैं कि RBI भी लोन मोरेटोरियम पीरियड को तीन और महीनों के लिए बढ़ा सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो 31 अगस्त 2020 तक कंपनियों को रिपेमेंट करने से छूट मिल सकेगी।
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हालांकि, इसका मतलब यह भी है कि कंपनियों द्वारा सितंबर महीने में ब्याज देनदारियों को पूरा करने की संभावना लगभग न के बराबर होगी। ब्याज देनदारी जमा न करने का यह भी मतलब होगा कि अकाउंट्स को गैर-निष्पादित लोन के तौर पर क्लासिफाई कर दिया है।इस तरह का प्रावधान आरबीआई के नियमों में है।
आरबीआई पहले दे चुका है राहत
बीते 17 अप्रैल को कोरोना संकट और लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कई राहत का ऐलान किया था।रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई। अब रिवर्स रेपो रेट 4% से घटकर 3.75% हो गया है।