न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया में लॅाकडाउन है। इस कारण सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर असर पर साफ़ दिखाई दे रहा है। इस बीच अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बीते दिन वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े अनुमानों में कमी करने के संकेत दिए हैं।साथ ही अमेरिका और चीन को फिर से ट्रेड वार में न पड़ने के लिए चेतावनी भी दी है।
आईएमएफ़ ने दोनों देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है और अगर दोनों देशों के बीच ट्रेड वार होती है तो अर्थव्यवस्थाओं को बचाने की जो कोशिशें हैं वो कमज़ोर हो जाएंगी।
आईएमएफ़ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टीना जॉर्जीवा यूरोपीयन यूनिवर्सिटी के एक ऑनलाइन इवेंट को संबोधित कर रही थीं। इस बीच उन्होंने कहा कि साल 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में तीन फीसदी कमी का अनुमान लगाया गया था, लेकिन मौजूदा हालत देख कर कई देशों के अनुमान तो इससे भी कम आ रहे हैं।
आईएमएफ़ की मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा, ‘किसी भी तरह का तुरंत मेडिकल इलाज उपलब्ध न होने की वजह से कुछ अर्थव्यवस्थाओं को इससे निपटने में मुश्किल आ सकती है। फ़िलहाल कोरोना वायरस के बारे में अभी कुछ साफ़ तौर पर कहा नहीं जा सकता है। इसलिए आर्थिक पूर्वानुमान पर इसका असर पड़ रहा है।’
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गौरतलब है कि कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के तरीके पर राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन को धमकाया है। उन्होंने कहा कि वो नए टैरिफ़ लगाकर इसकी सज़ा देगा। बीते दिन ट्रंप ने ये संकेत दिए थे कि वो अमरीका-चीन ट्रेड डील के पहले चरण को ख़त्म कर सकता है।
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बता दें कि इससे पहले आईएमएफ़ ने कहा है कि दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्थाओं को इतना ज़्यादा नुक़सान हो रहा है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में तीन फ़ीसदी की गिरावट आएगी। आईएमएफ़ ने इसे ‘साल 1930 की महामंदी’ के बाद के दशकों की सबसे ख़राब वैश्विक गिरावट क़रार दिया है।
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इसके अलावा आईएमएफ़ का कहना है कि इस महामारी ने दुनिया को ‘ऐतिहासिक संकट’ में डाल दिया है। अगर यह महामारी लंबे समय तक बनी रही तो संकट को संभालने में सरकारों और केंद्रीय बैंकों की काबिलियत की असली परीक्षा होगी।