जुबिली न्यूज डेस्क
दुनिया भर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अब ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि जल्द ही किसी वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है। भारत में भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्रा जेनेका और भारत बायोटेक की वैक्सीन ट्रायल की अग्रिम चरण में हैं।
इस हालात में केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन को जल्द मंजूरी मिलने की संभावना को देखते हुए अपने डिलीवरी सिस्टम को मजबूत करने में जुट गई है।
सरकार ने इसके लिए ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया है। बताया जा रहा है कि सरकार एसएमएस के जरिए लोगों को वैक्सीन लगवाने की जगह और समय की जानकारी देगी। इसके अलावा उन्हें क्यूआर कोड के रूप में सर्टिफिकेट भी जारी किए जाएंगे।
द संडे एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक टीकाकरण अभियान सरीकार बिल्कुल चुनाव अभियान के आधार पर ही चलायेगी। मतलब टीकाकरण के लिए स्कूलों के बड़े नेटवर्क को हेल्थ फैसिलिटी के तौर पर तैयार किया जाएगा, ताकि वैक्सीन को जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचाया जा सके।
ऐसा माना जा रहा है कि भारत में अगले साल की शुरुआत तक कोरोना की पहली वैक्सीन आ सकती है। ऐसे में एक एक्सपर्ट ग्रुप टीकाकरण अभियान का ब्लूप्रिंट तैयार करने में जुटा है।
इसी सबको लेकर पीएम मोदी ने पिछले हफ्ते नेशनल एक्सपर्ट वैक्सीन ग्रुप की एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया था। सूत्रों के मुताबिक, वैक्सीन लगाने का काम सिर्फ मौजूदा स्वास्थ्य केंद्रों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे मतदान बूथों की तरह स्कूलों में भी लगाया जा सकता है।
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सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन डिलीवरी सिस्टम में eVIN (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) तकनीक जोडऩे पर भी फैसला लिया गया है। घरेलू स्तर पर विकसित इस तकनीक से वैक्सीन के स्टॉक की डिजिटल तरीके से निगरानी की जा सकेगी। साथ ही इससे वैक्सीन पाने वाले लोगों की भी ट्रैकिंग हो सकेगी।
दरअसल मौजूदा समय में eVIN सिस्टम में यह खासियत नहीं है और फिलहाल इससे कोल्ड स्टोरेज से स्वास्थ्य केंद्र तक लाई गईं वैक्सीन के स्टॉक की ही जानकारियां हासिल की जा सकती हैं।
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आबादी को देखते हुए सरकार टीकाकरण अभियान कई फेज में चलायेगी। इसलिए वैक्सीनेशन के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है, जो वैक्सीन पाने वालों को एसएमएस के जरिए उन्हें टीका लगने की तारीख, लोकेशन और केंद्र की जानकारी देगा। व्यक्ति को वैक्सीन लगने के बाद उसे क्यूआर आधारित डिजिटल सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा, जो कि सिस्टम जेनरेटेड होगा।