जुबिली न्यूज डेस्क
रविवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने प्रेस काफ्रेेंस में कहा कि कोरोना वैक्सीन का साइड इफेक्ट सैकड़ों मरीजों में देखने को मिला है लेकिन सिर्फ तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई। अब खबर है कि उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के जिला अस्पताल के वार्ड ब्वॉय महिपाल सिंह की कोरोना वैक्सीन लगवाने के अगले दिन मौत हो गई।
इस खबर से खलबली मच गई है। परिजनों का आरोप है कि टीका लगने के बाद से महिपाल की हालत बिगड़ी और रविवार शाम उनकी मौत हो गई जबकि वार्ड ब्वॉय के घर पहुंचे सीएमओ ने कहा कि टीके के रिएक्शन से मौत संभव नहीं है।
महिपाल को सांस फूलने और सीने में दर्द की शिकायत पर अस्पताल लाया गया था। मौत के कारण की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी। वहीं टीकाकरण के बाद एक डॉक्टर समेत चार और लोगों ने बुखार की शिकायत की है।
महिपाल के बेटे विशाल ने बताया कि पिताजी की टीका लगाने के बाद ही हालत बिगड़ी। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि उनको निमोनिया की शिकायत थी लेकिन टीके ने उनकी तबीयत अचानक बिगाड़ दी। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने इस संबंध में बताया कि सीएमओ ने उन्हें इस मामले की जानकारी दी है सीएमओ ने कहा है कि पोस्टमार्टम के बाद ही सही वजह पता चलेगी।
सैकड़ों मरीजों में दिखा कोरोना वैक्सीन का साइड इफेक्ट
16 जनवरी से देशभर में लोगों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने के बाद से कुछ जगहों पर लोगों में साइड इफेक्ट देखने को मिली है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को प्रेस कांफ्रेस में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कोविड-19 का टीका दिए जाने के बाद 16 और 17 जनवरी को 447 एइएफआई (एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्युनाइजेशन) रिपोर्ट किए गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर मनोहर अगनानी ने कहा कि अधिकांश मामलों में इसका प्रतिकूल प्रभाव मामूली स्तर का था। अगर टीकाकरण के बाद किसी को अस्पताल में भर्ती करना पड़े तो उसे सीरियस एएफआई में दर्ज किया जाता है।
उन्होंने बताया कि केवल तीन ऐसे मामले हुए जिसमें लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अगनानी के मुताबिक इनमें से एक मामले में, जिन्हें नॉर्दर्न रेलवे अस्पताल में भर्ती किया गया था, 24 घंटे के भीतर डिस्चार्ज किया जा चुका है। वहीं एक अन्य मरीज को भी एम्स दिल्ली से छुट्टी दी जा चुकी है, जबकि तीसरे मरीज एम्स ऋषिकेश में हैं और उनकी स्थिति भी अच्छी है।
वैक्सीन के साइड इफेक्ट के बारे में उन्होंने बताया कि ज्यादातर मामलों में लोगों को हल्का बुखार, सिरदर्द और जी मिचलाने की शिकायत ही।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि “पहले दिन 2,07,229 लोगों को टीका दिया जा चुका है। यह किसी भी देश में पहले दिन वैक्सीन दिए जाने का सबसे बड़ा आंकड़ा है। भारत इस मामले में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस से आगे रहा।”
“दूसरे दिन वैक्सीन छह राज्यों में दी गई। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर और तमिलनाडु में कुल 553 सत्र आयोजित किए गए। रविवार को करीब 17 हजार लोगों को टीका दिया गया है।”
इस दौरान स्वास्थ्य सचिव अगनानी ने बताया कि पहले दो दिनों में कुल दो लाख 24 हजार लोगों का टीकाकरण किया गया है।
यह भी पढ़ें :मुंबईः वेब सीरीज तांडव के विरोध में Amazon कंपनी के बाहर प्रदर्शन करेगी BJP
यह भी पढ़ें : नहीं रहे उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान
यह भी पढ़ें : स्ट्राॅबेरी महोत्सव में CM योगी ने किसानों के लिए कही ये बात
पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को मिलेगी वैक्सीन
सरकार की पहले चरण में कोरोना वायरस वैक्सीन 30 करोड़ लोगों को लगाने की योजना है। इस वैक्सीन की दो डोज होंगी। इसमें पहली डोज और दूसरे डोज के बीच का अंतर 21 से 28 दिन का होगा।
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन की उपाध्यक्ष डॉ. प्रीति कुमार ने कहा था कि वैक्सीन दिए जाने के बाद मामूली बुख़ार, सिरदर्द या इंजेक्शन लगाने वाली जगह पर दर्द होता है। उन्होंने कहा था कि अगर कोई वैक्सीन 50 फीसदी तक प्रभावी होती है तो उसे सफल माना जाता है।
डॉ. प्रीति कुमार के मुताबिक पहला डोज लगने के 10-14 दिन के बाद असर होना शुरू हो जाता है और यह बढ़ता चला जाता है।
हालांकि उनका कहना है कि वैक्सीन लगाने के बाद भी मास्क लगाना जरूरी है। वो कहती हैं वैक्सीन एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय है। सामाजिक दूरी, मास्क और वायरस से बचने के अन्य उपाय करना वैक्सीन लगवाने के बाद भी जरूरी होगा।