जुबिली स्पेशल डेस्क
रणजी टीम के खिलाडिय़ों के लिए एक बुरी खबर है। जी हां इस साल रणजी ट्रॉफी पर कोरोना का साया मंडरा रहा है। दरअसल रणजी ट्रॉफी शुरू होने से पहले ही बंगाल रणजी टीम के सात सदस्य कोरोना की चपेट में आ गए।
इसके बाद आनन-फानन में बीसीसीआई ने बड़ा कदम उठाते हुए रणजी ट्रॉफी को एक बार फिर स्थागित करने का बड़ा कदम उठाया है। रणजी ट्रॉफी का मौजूदा सीजन 13 जनवरी से शुरू हो रहा था लेकिन कोरोना और ओमीक्रॉन ने बीसीसीआई का खेल बिगाड़ दिया है।
और पिछले सीजन की तरह इस बार भी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने 13 जनवरी से शुरू होने वाली रणजी ट्रॉफी और वुमन टूर्नामैंट को स्थगित करने का मन बना लिया है।
ऐसे में देखा जाये तो खिलाडिय़ों को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है क्योंकि इससे पहले भी 87 साल में पहली बार रणजी ट्राफी का आयोजन नहीं हो पाया था। कोरोना ने देश में खेल की दशा और दिशा दोनों बदल दी है। बीसीसीआई की माने तो इसके अलावा दूसरे घरेलू टूर्नामेंट्स जैसे सीके नायडू और सीनियर महिला टी-20 लीग को भी स्थगित कर दिया गया है।
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उधर अब यह देखना होगा कि अंडर-19 विश्व कप को लेकर आईसीसी क्या कदम उठाता है क्योंकि 14 जनवरी से विश्व कप शुरू हो रहा है। दअरसल यहां से बुरी खबर आ रही है।जिमबाब्वे टीम के चार खिलाड़ी कोविड पॉजीटिव पाए गए हैं।
खिलाडिय़ों के पॉजीटिव आने के बाद बाकी खिलाडि?ों के रैपिड टेस्ट करवाए जा रहे हैं। अगर इनमें कोई पॉजीटिव आया तो विश्व कप भी खटाई में पड़ सकता है। हालांकि अभी तक आईसीसी ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है।
आपको बता दें कि 1934 में पहली बार रणजी ट्राफी का आयोजन कराया गया था. इस टूर्नामेंट का नाम भारतीय राजकुमार और क्रिकेटर केएस रणजीत सिंह के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 1896 से 1902 के बीच इंग्लैंड के लिए 15 टेस्ट मैच खेले। रणजीत सिंह ने ही क्रिकेट में लेट कट और लेग ग्लांस जैसे शॉट की ख़ोज की। रणजी ट्रॉफी की सबसे सफल टीम मुंबई है, जिसने रिकॉर्ड 41 बार फाइनल जीता।