न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस इस दुनिया से तब तक नहीं जायेगा, जब तक इसकी वैक्सीन या दवा बनकर नहीं आ जाता। दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। बीतों दिनो ब्रिटेन से उम्मीद जगी थी कि इस साल के अंत तक अंत तक कोरोना को मात देने वाली वैक्सीन आ सकती है, लेकिन यह उम्मीद भी धराशायी हो गई। ब्रिटेन के एक मंत्री ने बयान दिया है कि ऐसा संभव होना मुश्किल ही है कि जब इस साल के अंत तक हमारे पास कोरोना से लडऩे की कोई वैक्सीन हो।
26 अप्रैल को ब्रिटेन के मंत्री डोमिएक राब ने एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि कोरोना वायरस को जल्द से जल्द खत्म किया जाए, इस ओर कदम बढ़ रहे हैं। एक वैक्सीन बनाने पर भी काम जारी है, लेकिन उसका इस साल आना संभव नहीं है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि इस वक्त सबसे जरूरी है कि लोगों का टेस्ट करवाया जाए, ताकि इससे पता चल सके कि आखिर वायरस किसे है और कितना फैला हुआ है।
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वैक्सीन में देरी को लेकर ब्रिटिश मंत्री द्वारा दिए गए बयान ने एक नई बहस को जन्म दिया है, क्योंकि ये बयान ठीक तब आया है जब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस की वैक्सीन पर टेस्टिंग शुरू हुई है। एक महिला को वैक्सीन दी गई है और अब नतीजों का इंतजार है।
ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी इस वक्त कोरोना वायरस को लेकर वैक्सीन पर स्टडी कर रही है, साथ ही साथ टेस्टिंग भी जारी है। टेस्टिंग से पहले यूनिवर्सिटी का दावा था कि अगर सब कुछ सही रहा तो सितंबर तक वैक्सीन आ सकती है और दिसंबर तक इसे इतनी मात्रा में बनाया जा सकता है कि यह दुनिया को दी जा सके।
मालूम हो कि यूनिवर्सिटी की ओर से पहला टेस्ट अप्रैल में शुरू हुआ, जिस पर दो महीने काम होगा। उसके बाद जून में दूसरा टेस्ट किया जाएगा और अगस्त में फाइनल टेस्टिंग शुरू होगी, यानी सितंबर के अंत तक ही ये पक्का हो पाएगा कि कोरोना वायरस को मात देने वाली वैक्सीन सफल हो पाई है या नहीं।
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