न्यूज डेस्क
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 53 हजार के करीब पहुंच गया है। इस महामारी ने सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र में पहुंचाया है। महाराष्ट्र में अकेले अब तक 17 हजार के करीब कोरोना मामले आ चुके हैं और 651 लोगों की मौत हुई है।
राज्य के सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज मुंबई में हैं। मुंबई की भयावह स्थिति के बावजूद यहां लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही है। मुंबई के सायन अस्पताल का एक हैरान करने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि वॉर्ड में मरीजों के बीच शव रखे गए हैं।
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल के वॉर्ड में कई मरीज बेड पर लेटे हैं। मरीजों के बीच में काले प्लास्टिक के बैगों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शव भी वॉर्ड के बेडों पर रखे हैं। कुछ शवों को कपड़ों से तो कुछ कंबल से ढका गया है। बताया जा रहा है कि वॉर्ड में मरीजों के बीच कई ऐसे शव पड़े थे।
इधर बीएमसी ने इस मामले में सफाई देते हुई कहा है कि परिवार के लोग शव नहीं ले जा रहे हैं, इसलिए शव अस्पताल में ही रखे हैं। इस मामले में अस्पातल के डीन ने स्वीकार किया है कि यह वीडियो उन्हीं के अस्पताल का है। रिश्तेदार शवों को ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं, इसलिए हमने उन्हें वहां रखा था।
In Sion hospital..patients r sleeping next to dead bodies!!!
This is the extreme..what kind of administration is this!
Very very shameful!! @mybmc pic.twitter.com/NZmuiUMfSW— nitesh rane (@NiteshNRane) May 6, 2020
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लापरवाही को लेकर लोग तीखी प्रतिक्रिया कर रहे हैं। बीजेपी नेता नीतीश राणे ने भी वीडियो ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘सायन अस्पताल में शवों के साथ मरीज भी सो रहे हैं। यह अति है। यह कैसे प्रशासन है। बहुत ही शर्मनाक बात है।’
डीन के जवाब पर नीतीश राणे ने कहा, ‘इस जवाब के बाद मुंबईवासी बीएमसी से क्या उम्मीद कर सकते हैं? निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं और सरकारी अस्पतालों में हालात ऐसे हैं। क्या यह मेडिकल इमरजेंसी है!’
नीतीश ने कहा, ‘पहले तो सायन अस्पताल प्रशासन ने वीडियो को फेक बताया। अब उन्होंने माना कि वीडियो उनके अस्पताल का है तो उनका बयान हैरान कर देने वाला है। अब बीएमसी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से लोगों का भरोसा उठ गया है। म्युनिसिपल कमिश्नर अगर यह सब रोक नहीं सकते और स्थितियां नियंत्रित नहीं कर सकते तो उन्हें त्यागपत्र दे देना चाहिए’