Saturday - 26 October 2024 - 12:57 PM

कोरोना भले ही कमजोर हुआ लेकिन आंकड़े बता रहे हैं अभी खतरा टला नहीं है

जुबिली स्पेशल डेस्क

नई दिल्ली। भारत में कोरोना की रफ्तार अब कम हुई है लेकिन मौतों का सिलसिला अभी थमा नहीं है। हालांकि अब भी कुछ राज्यों में कोरोना के मामले अब भी खतरनाक बने हुए है। इस वजह से कोरोना का खतरा अब भी बरकरार है। आलम तो यह है कि जानकारों के अनुसार अब भी कोरोना की तीसरी लहर का खतरा भारत पर मंडरा रहा है।

www.worldometers.info, www.nytimes.com के आंकड़े भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं। इन आंकड़ों पर गौर करे तो तीसरी लहर किसी भी वक्त भारत पर दस्तक दे सकती है। कुछ ऐसे तथ्य है जो तीसरी लहर को लेकर कुछ इशारे कर रहे हैं

कोरोना बार-बार वैरिएंटट बदल रहा है और इस वजह से लोगों में दहशत है। इतना ही नहीं कोरोना की पहली लहर में ओरिजनल वैरिएंट से लोग निकले थे कि उसके बाद इंग्लैेंड ब्राजील और अफ्रीका वैरिएंट ने भारत में तबाही मचानी शुरू कर दी। अब खबर है कि एक और वैरिएंट सामने आ रहा है जिसे डेल्टा कहा जा रहा है और ये काफी खतरनाक हो सकता है।

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भारत ऐसा देश है जहां पर कोरोना के अलग-अलग वैरिएंटट अपना असर दिखा रहे हैं. पहले कोविड के ओरिजनल वैरिएंट की मार थी, उसके बाद यूके, ब्राजील और अफ्रीका वैरिएंट ने भारत में अपना असर दिखाया. इसके बाद एक अलग वैरिएंट जनरेट हो गया, जिसे डेल्टा नाम दिया गया.

विश्व में एक्टिव केस के मामले में भारत अब भी दूसरे नम्बर पर काबिज है। अमेरिका में इस समय 55 लाख एक्टिव केस हैं जबकि भारत में 16 लाख से ज्यादा मामले एक्टिव है।

हालांकि भारत में मार्च और मई के महीने में कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक थी और इस दौरान लोगों की जिंदगी लगातार खत्म हो रही थी।एक समय ऐसा भी आया जब भारत में चार लाख कोरोना के मामले हर दिन मिल रहे थे लेकिन अब राहत है और करीब सवा लाख केस मिल रहे हैं।

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अगर देखा जाये तो सात दिन के औसत के हिसाब से ब्राजील में 64 हजार और अर्जेंटीना में करीब 33 हजार केस औसतन आ रहे हैं जबकि भारत इससे काफी आगे हैं। अमेरिका में कोरोना के कुल 3.4 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं जबकि भारत में 2.8 करोड़ कोविड केस पाए गए हैं

भारत सीरियस केस के मामले में भी अन्य देशों से ज्यादा आगे नजर आ रहा है। भारत में अभी 8900 से ज्यादा मामले सीरियस बताये जा रहे हैं जबकि ब्राजील में यही आंकड़े 8300 है।

मौतों की संख्या कम नहीं हो रही है, आलम तो विश्व में एक दिन में सबसे अधिक मौतें अभी भारत में ही दर्ज की जा रही हैं। ब्राजील जैसे देश में दो हजार मौते हो रही है जबकि भारत में बीते दिन कोरोना से 2700 लोगों के मरने की खबर है।

अगर सात दिन का आंकड़ा देखे तो पता चल जायेगा कि भारत में हर दिन सबसे ज्यादा मौते हो रही है। भारत में करीब 21,898 लोग कोरोना से मर चुके हैं जबकि इतने ही दिनों में 13,031 लोगों की जान गई है। मौतों के मामले में भारत नम्बर तीन पर कायम है। भारत में 3.38 लाख मौतें हुई है जबकि अमेरिका में 6.11 लाख, ब्राजील में 4.67 लाख लोगों की जान जा चुकी है।

कोरोना से बचने के लिए लोगों को वैक्सीन लगायी जा रही है लेकिन भारत में इसको लेकर भी कई तरह के सवाल है। दरअसल भारत की जनसंख्या के हिसाब से अब तक 22 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगी है जो शायद काफी कम मानी जायेगी। भारत में अभी सिर्फ 13 फीसदी आबादी को एक टीका और करीब 4 फीसदी आबादी को दोनों टीके लग पाए हैं।

उधर वैक्सीन की कई राज्यों में भारी कमी भी किसी से छुपी नहीं है जबकि कुछ अंधविश्वास के चक्कर में वैक्सीन लगाने से बच रहे हैं। ऐसे में कोरोना को कैसे रोका जायेगा।

 

 

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