जुबिली न्यूज डेस्क
पूरे देश में कोरोना तांडव मचाये हुए हैं। चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। अस्पतालों के बाहर एंबुलेंस की लाइनें लगी है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की किल्लत बनी हुई है।
महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ही नहीं बल्कि गुजरात की व्यवसायिक राजधानी माने जाने वाले अहमदबाद, पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण से सबसे बुरी तरह प्रभावित शहर है।
पिछले सप्ताह का आंकड़ा देखा जाए तो अहमदाबाद में हर दिन 5,500 नए मामले सामने आए हैं और मरने वालों का सरकारी आंकड़ा 20 से 25 हर दिन रहा है।
वहीं राज्य सरकार पर संक्रमण और मौत के आंकड़ों को घटा कर रिपोर्ट करने का आरोप लग रहा है। अस्पतालों के बाहर बेड का इंतजार करती एंबुलेंस की कतारें हर दिन बढ़ती ही जा रही हैं।
रूपाणी सरकार ने अस्पतालों में बेड की संख्या तो बढ़ाई है लेकिन जानकारों का कहना है कि ये नाकाफी है। अस्पतालों में मरीजों की बाढ़ सी आ गई है और पूरे शहर में अफरा-तफरी का माहौल साफ देखा जा सकता है।
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अहमदाबाद के निजी अस्पतालों में फिलहाल अभी ऑक्सीजन की सप्लाई है लेकिन अस्पताल प्रबंधन को इस बात की चिंता है कि ऑक्सीजन खत्म होने पर नई सप्लाई कैसे मिलेगी।
वहीं कई निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से पहले ही ये शर्त रख रहे हैं कि अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल 94-95 से कम है तो वह भर्ती नहीं करेंगे।
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अहमदाबाद के कुछ बाजारों ने मिल कर ये फैसला लिया है कि जब तक हालात काबू में नहीं आते वह व्यापार रोके रखेंगे।
अहमदाबाद शहर के नागरिक केंद्र 4 मई तक बंद रहेंगे और शहर में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जो 24 घंटे की ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने का काम करती है लेकिन इसके बाद भी अस्पतालों को खासी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है।