जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी के बीच भारत समेत कई और देशों में भी धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलना शुरू किया है और लोगों से सावधानी बरतने को कहा है। कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए लोगों को सलाह दी गई है कि वे सफाई का ध्यान रखें, हाथों को नियमित तौर पर साफ करते रहें, मास्क पहनें और एक-दूसरे के संपर्क में कम आएं यानी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करें।
भारत में सरकार शुरु से मास्क पहनने पर जोर देती रही है। अब तो बाहर निकलने पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन इन सबके बीच एक सवाल ये भी पूछा जा रहा है कि क्या मास्क पहनने से कोरोना से बचाव संभव है? या क्या मास्क पहनना सुरक्षित है?
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मास्क को लेकर हर देश की अपनी राय है। यह कहें कि मास्क पहनना है या नहीं पहनना है ये एक विवादास्पद मुद्दा है तो गलत नहीं होगा। जहां चीन, हांगकांग, ताइवान, दक्षिण कोरिया और जापान में मास्क पहनना एक सोशल कल्चर बन गया है , तो वहीं सिंगापुर, ब्रिटेन और अमरीका में लोगों को सलाह दी गई है कि अगर वो बीमार नहीं है तो मास्क ना ही पहनें।
मास्क पहनने को लेकर कई और मामले भी सामने आए। मास्क पहन रहे लोगों पर हमले भी हुए हैं, क्योंकि ज्यादातर देशों में मास्क पहनने का चलन बिल्कुल नहीं रहा है।
एशिया के देशों में गौर करेंगे तो आप पायेंगे कि ज्यादातर लोगों ने मास्क पहन रखा है और वहीं यूरोप में लोग मास्क से परहेज करते दिखेंगे।
मास्क को लेकर कई तरह की बाते हो रही है। जो लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं उनका तर्क है कि यह पहनना बहुत जरूरी है। उनका कहना है कि हो सकता है कि जो लोग स्वस्थ लग रहे हों उनमें भी वायरस हो, लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि जो लोग स्वस्थ हैं फिर भी मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं उनकी वजह से उन लोगों को मास्क की कमी से जूझना पड़ रहा है जिन्हें वाकई इसकी जरूरत है।
इस बीच चीन और दक्षिण कोरिया में मास्क नहीं पहनने वालों को गलत माना जा रहा है और कई इमारतों में तो बिना मास्क पहने लोगों के प्रवेश को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस संबंध में अपनी नई गाइडलाइंस जारी की हैं।
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दुनिया में दो सौ देशों में पांव पसार चुका कोरोना वायरस के संक्रमण से 69 लाख से अधिक पीडि़त है। इस संक्रमण से अब तक 3.99 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके हैं। भारत में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण का मामला ढ़ाई लाख के करीब पहुंच चुका है। इसकी वजह से अब तक 6946 लोगों की मौत की भी पुष्टि हो चुकी है और 1 लाख 19 हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं।
डब्ल्यूएचओ की मास्क संबंधी नई गाइडलाइंस
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक जहां कोरोना का संक्रमण ज्यादा है, वहां लोगों को हर हाल में मास्क पहनना चाहिए। भीड़भाड़ वाली जगहों में भी मास्क पहनना बेहद जरूरी है।
डब्ल्यूएचओ ने अपनी गाइडलाइन में यह भी बताया है कि किसको कौन सा मास्क पहनना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सभी स्वस्थ लोगों को तीन परतों वाला फैब्रिक मास्क पहनना चाहिए। जो लोग बीमार हैं, वो मेडिकल ग्रेड का मास्क पहने।
जिन जगहों पर कोरोना के संक्रमण का स्तर बहुत ज़्यादा है, वहां सभी लोगों को मेडिकल-ग्रेड का मास्क इस्तेमाल करना चाहिए। अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही मरीजों और वहां मौजूद सभी लोगों को मेडिकल- ग्रेड का मास्क पहनना चाहिए।
इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि सभी लोगों को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि उन्हें ही मास्क पहनना चाहिए जिन्हें संक्रमण हो या उसका खतरा हो।
मास्क : कैसे पहनें और इस्तेमाल करें
डब्ल्यूएचओ ने अपनी गाइडलाइन में बताया है कि मास्क पहनने से पहले अपने हाथों को जरूर साफ कर लें। एल्कोहॉल बेस्ड सेनेटाइजर या सोप से हाथों को अच्छी तरह साफ करें।
मास्क ऐसे पहने की मुंह और नाक पूरी तरह ढकें और कोशिश करें कि आपके मास्क और मुंह के बीच कोई गैप ना रहे।
मास्क पहनते समय मास्क को ना छुएं। मास्क की बेल्ट से ही उसे पहनें।
मास्क को जितनी जल्दी-जल्दी हो सके बदलते रहें और कोशिश करें कि सिंगल-यूज मास्क को री-यूज करने से बचें।
जब आप मास्क उतार रहे हों तो उसे पीछे की ओर से उतारें। सामने की तरफ से उसे हाथ ना लगाएं। मास्क को उतारने के तुरंत बाद उसे डिस्कार्ड कर दें। इस्तेमाल किये गए मास्क को ढक्कन वाले कूड़ेदान में ही डालें।
दुनिया में दो सौ देशों में पांव पसार चुका कोरोना वायरस के संक्रमण से 69 लाख से अधिक पीडि़त है। इस संक्रमण से अब तक 3.99 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके हैं। भारत में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण का मामला ढ़ाई लाख के करीब पहुंच चुका है। इसकी वजह से अब तक 6946 लोगों की मौत की भी पुष्टि हो चुकी है और 1 लाख 19 हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं।