Friday - 25 October 2024 - 4:14 PM

इसके आगे तो कोरोना भी पस्त है

न्यूज डेस्क

पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण के सामने पस्त हो चुकी है। इसके संक्रमण से अब तक पूरी दुनिया में 24 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब साढ़े पांच लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। ख़ास बात ये है कि दुनिया के लिए महामारी बन चुका कोरोना साबुन के झाग के आगे बेहाल है। केवल 20 सेकंड तक हाथ धोकर आप इस वायरस को मार सकते हैं।

ऐसा कहना है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च दिल्ली के वायरोलॉजिस्ट डॉ देब प्रसाद चट्टोपाध्याय का। वो बताते हैं कि कोविद-19 में लिविंग सेल नहीं है। यहां लिविंग सेल का मतलब है कि यह आपके शरीर में जीवित अवस्था में नहीं रह सकता। लेकिन इसे जीवन के लिए मानव शरीर के अंदर जाने की जरुरत पड़ती है।

उन्होंने बताया कि ऐसे में अगर यह वायरस हमारे हाथ में लगा हो और हम साबुन से हाथ को बीस सेकंड तक धुल लें तो ये खत्म हो जाएगा। इसी कारण से कोरोना से लड़ने के लिए हाथ धोने को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।

डॉ देब प्रसाद के अनुसार इस वायरस की ऊपरी सतह लाइकोप्रोटीन व फैट की बनी हुई है। और साबुन में एक तरह का गुण होता है जोकि किसी भी फैट को काट देता है। जब आप साबुन से हाथ में झाग बनाते हैं तो ये झाग वायरस की छुट्टी कर देता है। इसके साथ ही ये फैट अल्कोहल से भी धुल जाता है। इसलिए अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर के इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है।

डॉ. चट्टोपाध्याय बताते हैं कि किसी भी वायरस को जीवित रहने के लिए होस्ट की जरूरत होती है। यानी वह किसी पर निर्भर रहकर अपना जीवन बढ़ा सके। ऐसे में अगर आप सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे तो वायरस को किसी भी तरह का कोई होस्ट उपलब्ध नहीं हो सकेगा।

पिछले तीन दशकों से वायरस पर कई अध्ययन कर चुके डॉ. देब प्रसाद कहते हैं कि कोरोना वायरस मानव शरीर के बाहर मृत अवस्था में रहता है। यह हमारे शरीर में आंख और नाक के रास्ते पहुंचता है। इसके लिए सबसे आसान रास्ता नाक द्वारा पहुंचना है। नाक के द्वारा श्वसन तंत्र में पहुंचकर यह अपना घर बना लेता है।

तीन तरह से हो रहा संक्रमण

इस वायरस का संक्रमण तीन तरह से हो रहा है। पहला जो व्यक्ति संक्रमित हो, दूसरा वह जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो या तीसरा जिनमें ये दोनों ही न हों। यानी वह किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आया हो या उसने कोई यात्रा न की हो फिर भी उसे संक्रमण हो जाए। यह है कम्युनिटी संक्रमण। इस तरह के संक्रमण से हम लोगों को बचना है।

हालांकि आइसीएमआर की सलाह पर सरकार ने जो कदम उठाए हैं उस वजह से अभी तीसरी स्टेज से दूर हैं। वे कहते हैं कि हम सचेत और सतर्क हैं जिसके चलते हमने अपनी तैयारियों को बगैर देर किए शुरू किया। वहीं इस चीज इटली व अमेरिका जैसे देश नहीं समझ सके। इसीलिए वहां के हालात इतने भयावह हो गये हैं।

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