शालिनी श्रीनेत
क्या आपको लगता है कि कोविड 19 के जाने के बाद सब कुछ पहले जैसा हो जायेगा? बिल्कुल नहीं। कोविड 19 जब जायेगा तो दुनिया में बहुत कुछ बदल चुका होगा। बाकी चीजें भले ठीक हो जाए, लेकिन एक बात तय है कि रिश्तों में वो गर्माहट नहीं होगी जो कोरोना के आने से पहले थी। लॉकडाउन की वजह से काफी दिनों से लोग घरों में बंद हैं और इस दौरान इतना कुछ बदल गया है कि आने वाले समय में बहुतों को अपने रिश्तें गवांकर बड़ी भरपाई करनी पड़ेगी।
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। लोग इसका पालन भी कर रहे हैं, लेकिन लोगों में कोरोना का डर इस कदर है कि बेहद करीबी रिश्तों में भी हम शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक दूरी भी बना चुके हैं। कोरोना के जाने के बाद सामाजिक दूरी तो कम हो जायेगी, लेकिन जो हम मानसिक रूप से दूर हो चुके हैं वह खत्म होने में सालों लग जायेंगे।
सोशल मीडिया या अखबारों में ऐसी कई मार्मिक खबरें आ रही हैं जो आने वाले समय की तस्वीर पेश कर रही हैं।कई परिवारों ने अपने ही घर के बड़े बुजुर्गों के कोरोना से संक्रमित होने पर जिस तरह का व्यवहार अपनाया है वह काफी तकलीफ देने वाला रहा है। कोरोना को भगाने के लिए शारीरिक दूरी जरूरी है न कि मानसिक। ऐसा ही कुछ समाज में भी दिख रहा है। शहर, कस्बा, गांव या कॉलोनी में किसी के घर कोई कोरोना संक्रमित हो जा रहा है तो उस परिवार को इतने हेय दृष्टि से देखा जा रहा है, जैसे कि उसने बहुत बड़ा पाप कर दिया हो। शायद इसीलिए वजह से बहुत लोग कोरोना को छिपा रहे हैं। वह खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।
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लॉकडाउन ने सबसे ज्यादा रिश्तों को प्रभावित किया है। दुनिया भर से महिलाओं के घरेलू हिंसा की खबरें आ रही हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। यह तालाबंदी महिलाओं के लिए अभिशाप बन गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी कहा है कि जिस दिन से लॉकडाउन शुरू हुई है उस दिन से घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। महिलाएं आयोग को मेल के माध्यम से अपनी शिकायतें कर रही है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि 24 मार्च से लेकर दो मार्च तक उन्हें घरेलू हिंसा की शिकायत करते हुए 69 ईमेल आई हैं और यह आंकड़ा रोज बढ़ता ही जा रहा है। रेखा शर्मा का कहना है कि असली आंकड़ा इससे भी ज्यादा होगा क्योंकि आयोग को अधिकतर शिकायतें ईमेल नहीं बल्कि डाक के जरिए आती हैं।
रेखा का मानना है कि घरों में मारपीट की प्रवृत्ति वाले पुरुष लॉकडाउन में अपनी कुंठा इन महिलाओं पर निकाल रहे हैं। उन्होंने महिलाओं से कहा है कि वे यह ना समझें कि तालाबंदी में वे राष्ट्रीय महिला आयोग या राज्य महिला आयोगों को संपर्क नहीं कर सकतीं और जब भी उन्हें कोई शिकायत करनी हो तो वे बेझिझक पुलिस से या महिला आयोग से संपर्क कर सकती हैं।
यह तो भारत की बात हैं। दुनिया के कई देशों में ऐसा ही कुछ हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र भी इस पर चिंता व्यक्त कर चुका है। महासचिव एंतोनियो गुटेरेश भी लॉकडाउन में महिलाओं व लड़कियों के प्रति घरेलू हिंसा के मामलों में ‘भयावह बढ़ोत्तरी’ दर्ज किए जाने पर चिंता जताते हुए सरकारों से ठोस कार्रवाई का आहवान कर चुके हैं।
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संयुक्त राष्ट्र के अनुसार कोविड-19 महामारी के शुरू होने के बाद से लेबनान और मलयेशिया में “हेल्पलाइन’ पर आने वाली फोन कॉल की संख्या दोगुनी हो गई है जबकि चीन में यह संख्या तीन गुनी हुई है। ऑस्ट्रेलिया में गूगल जैसे सर्च इंजनों पर घरेलू हिंसा संबंधी मदद के लिए पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा जानकारी इन दिनों खोजी जा रही है।
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दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कई देशों से कोविड-19 की वजह से लागू की गई लॉकडाउन के जैसे प्रतिबंदों की वजह से घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं हिंसा करने वालों के साथ ही फंस गई हैं। चाहे अमेरिका हो या इंग्लैंड, फ्रांस हो या स्पेन, यह समस्या हर जगह है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक फ्रांस ने तो कोविड-19 से लड़ाई के बीच घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं पर भी अलग से ध्यान देना शुरू कर दिया है और उन्हें उनके प्रति हिंसा करने वालों से दूर हटाने के लिए होटलों में 20,000 कमरों की व्यवस्था की है।
अब आप सोचिए इस लॉकडाउन के बीच घरों में जो कुछ हो रहा है क्या कोरोनो के जाने के बाद सब कुछ ठीक हो जायेगा? पुरुष अपनी भड़ास महिला पर निकाल रहा है और महिला घुटन के बीच छटपटा रही है। कई जगह से घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं से यही सुनने को मिल रहा है कि अगर उन्हें तालाबंदी से पहले थोड़ा समय मिल जाता तो वे कहीं और चली जातीं। अब महिलाओं के इन बातों से अंदाजा लगाइये के आने वाले समय में कितना कुछ बदलने वाला है।
(शालिनी श्रीनेत , मेरा रंग संस्था के माध्यम से महिला अधिकारों के लिए काम कर रही है। यह संस्था भी लॉकडाउन के बीच घरेलू हिंसा की शिकार हो रही महिलाओं की यथासंभव मदद कर रही है। घरेलू हिंसा से पीडि़त महिला लड़की मेरा रंग से संपर्क करने के लिए meraranng@gmail.com पर मेल या 8826848668 पर फोन कर सकती हैं।)
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