जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी से जूझ रहे भारत की मदद के लिए कई देश आगे आए हैं। कई देशों ने जरूरी मेडिकल जीवनरक्षक सामान भेजा है।
इस बीच दवा बनाने वाली कंपनी फाइजर ने भी मदद का ऐलान किया है। सोमवार को फाइजर ने कहा कि वो कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत को सात करोड़ डॉलर मूल्य की मुफ्त दवाएं भेजेगी।
कंपनी के सीईओ एलबर्ट बोर्ला ने कहा है कि हमारी कंपनी कोरोना के दूसरी लहर के कहर का सामना कर रहे भरतीयों के लिए जरूरी दवाओं के रूप में मानवीय राहत भेजेगी। ये कंपनी के इतिहास का सबसे बड़ा मानवीय राहत प्रयास होगा।
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कंपनी ने यह भी कहा है, “हम बड़ी मात्रा में दवाएं दान कर रहे हैं ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि देश के सरकारी अस्पतालों में भर्ती सभी कोविड मरीजों को आने वाले 90 दिनों के भीतर मुफ्त में दवा मिले। हमें उम्मीद है कि इस कोशिश से सैंकड़ों जानें बचाई जा सकेंगी।”
फाइजर ने एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका, यूरोप और एशिया में मौजूद उसके सेंटर्स भारत सरकार के प्रोटोकॉल के तहत कोविड के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को जल्द से जल्द भारत भेजने के काम में लगे हैं।
Today we have announced we are mobilizing the largest humanitarian relief effort in our company’s history to help the people of India fight the vicious second wave of coronavirus that is currently ravaging the nation. pic.twitter.com/klVnkAjkcw
— Pfizer Inc. (@pfizer) May 3, 2021
इन दवाओं में सूजन कम करने वाली दवा, ख़ून के थक्के बनने से रोकने वाली दवा और बैक्टीरियल संक्रमण से लडऩे के लिए एंटीबायोटिक शामिल होंगे।
कंपनी के अनुसार 7 करोड़ डॉलर मूल्य की ये दवाएं जल्द ही भारत को उपलब्ध कराई जाएंगी और इसके वितरण के लिए कंपनी सरकार और एनजीओ पार्टनर्स के साथ मिल कर काम करेगी।
भारत सरकार से फाइजर ने कहा, हमारी वैक्सीन सुरक्षित
सोमवार को कंपनी ने भारत सरकार से कहा है कि उसकी बनाई कोरोना वैक्सीन सुरक्षित है और इसकी सुरक्षा को लेकर चिंता नहीं है।
भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सरकार विदेशों में बनाई गई कोरोना वैक्सीन के स्थानीय ट्रायल के बारे में विचार कर रही है।
अप्रैल के मध्य में सरकार ने पश्चिमी देशों और जापान में इस्तेमाल के लिए इजाजत मिल चुकी वैक्सीन को भारत में बेचे जाने की अनुमति दे दी थी।
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हांलाकि ये स्पष्ट कर दिया था कि आपात स्थिति में इस्तेमाल करने की इजाजत दिए जाने के बाद कंपनियां तीन दिनों के भीतर स्थानीय स्तर पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू करेंगी।
We are donating enough of these medicines to ensure that every COVID-19 patient in every public hospital across India can have access to them in the next 90 days free of charge. This effort has the potential to impact the lives of hundreds of thousands of patients. pic.twitter.com/9YEv3IQ3zo
— Pfizer Inc. (@pfizer) May 3, 2021
इससे पहले के नियम के मुताबिक कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत मिलने से पहले कंपनी को क्लिनिकल ट्रायल करना होता था।
भारत सरकार ने फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन को भारत में वैक्सीन बेचने के लिए कहा है लेकिन इनमें से किसी भी कंपनी ने अब तक इसके लिए औपचारिक तौर पर आवेदन नहीं किया है।
हालांकि कंपनी ने कहा है कि इस बारे में वो सरकार से बातचीत कर रही है।
कंपनी की प्रवक्ता ने बताया कि, “कंपनी की वैक्सीन की सुरक्षा और इसके असर के संबंध में डेटा को अमेरिका, ब्रिटेन, जापान के नियामकों और विश्व संवास्थ्य संगठन का समर्थन प्राप्त है।”
फाइजर अपनी जर्मन पार्टनर बायोएनटेक के साथ मिल कर कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कर रही है। कंपनी की वैक्सीन को बेहद कम माइनस 70 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर करने की जरूरत होती है। इसे छह महीने तक कंट्रोल्ड तापमान में रखा जा सकता है।
कंपनी का कहना है कि इस्तेमाल की अनुमति हुई तो अपने खास तौर पर बनाए गए शिपर्स में वैक्सीन सेंटर्स तक पहुंचाएगी।