Wednesday - 30 October 2024 - 5:19 AM

कोरोना : भारत को मिला दो और टीका, नई गोली Molnupiravir को भी मिली मंजूरी

जुबिली न्यूज डेस्क

केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोरोना रोधी टीके ‘कोवोवैक्स’  और ‘बायोलॉजिकल ई’ कम्पनी के टीके ‘कोर्बेवैक्स’ को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दे दी है।

इसके साथ ही कोरोनारोधी दवा ‘मोलनुपिराविर’ (गोली) के आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग को भी अनुमति मिल गई है।

सोमवार को आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि सीडीएससीओ की कोरोना संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने ‘कोवोवैक्स’  और ‘कोर्बेवैक्स’  को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति देने की सिफारिश की है। इसके अलावा कोरोना रोधी दवा ‘मोलनुपिराविर’  (गोली) को भी इमरजेंसी यूज के लिए सिफारिश की गई थी।

इमरजेंसी में गोली ‘मोलनुपिराविर’  का उपयोग कोविड-19 के वयस्क मरीजों पर ”एसपीओ2”  93 प्रतिशत के साथ किया जा सकेगा और उन मरीजों को यह दवा दी जा सकेगी, जिन्हें बीमारी से बहुत अधिक खतरा हो।

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ये सभी सिफारिशों को अंतिम मंजूरी के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के पास भेजा गया था। इमरजेंसी में वैक्सीन
के उपयोग के लिए ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’  (एसआईआई) के आवेदन की सोमवार को दूसरी बार समीक्षा करने वाली सीडीएससीओ की विशेषज्ञ समिति ने गहन अध्ययन के बाद ‘कोवोवैक्स’  के उपयोग की सिफारिश की थी।

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा था, ”समिति ने इस बात पर गौर किया कि टीके का निर्माण नोवावैक्स की प्रौद्योगिकी के आधार पर किया गया है और यह सशर्त विपणन प्राधिकरण के लिए यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी द्वारा अनुमोदित है। साथ ही, डब्ल्यूएचओ ने इसे आपात स्थिति में इस्तेमाल की भी मंजूरी दे दी है।”

एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने इसके संबंध में पहला आवेदन अक्टूबर में दिया था। डीसीजीआई कार्यालय ने 17 मई को एसआईआई को ‘कोवोवैक्स’  टीके के निर्माण और भंडारण की अनुमति दे दी थी।

डीसीजीआई की मंजूरी के आधार पर ही अभी तक पुणे स्थित कम्पनी वैक्सीन की खुराक का निर्माण और भंडारण कर रही है।

अगस्त 2020 में, अमेरिका की वैक्सीन बनाने वाली कम्पनी ‘नोवावैक्स इंक’ ने एनवीएक्स-सीओवी2373 (कोविड-19 रोधी संभावित वैक्सीन)
के विकास और व्यावसायीकरण के लिए एसआईआई के साथ एक लाइसेंस समझौते की घोषणा की थी।

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डब्ल्यूएचओ ने 17 दिसंबर को ‘कोवोवैक्स’ वैक्सीन के आपात स्थिति में इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी।

वहीं, सीडीएससीओ ने कोविड-19 रोधी दवा ‘मोलनुपिराविर’  के आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग को भी स्वीकृति दी है।

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने हाल ही में ‘मर्क’  कम्पनी की कोविड-19 रोधी ‘मोलनुपिराविर’  दवा को संक्रमण के उन मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत कर दिया था, जिन्हें इस बीमारी से खतरा अधिक है।

इससे पहले, नवंबर में ब्रिटेन ने ‘मर्क’  की दवा को सशर्त अधिकृत किया गया था, जो कोरोना संक्रमण के सफलतापूर्वक इलाज के लिए बनाई गई पहली गोली है। ये दवा अपृथक-वास में रहने वाले मामूली या हल्के लक्षण वाले मरीजों को इस गोली को पांच दिन तक दिन में दो बार लेना होगा।

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