जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कमजोर पड़ते ही अब डेल्टा प्लस वैरिएंट पांव पसारने लगा है। बुधवार को मध्य प्रदेश में इस वैरिएंट से पहली मौत हुई है।
यह वैरिएंट उज्जैन की एक महिला में मिला था। मध्य प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 मामले अब तक सामने आए हैं। इनमें से चार लोग ठीक हो चुके हैं जबकि एक की मौत हुई है।
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास नारंग ने कहा है कि सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है। सरकार ने सभी अस्पतालों से सतर्क रहने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेसिंग की जा रही है।
इंडिया टुडे से बातचीत में सारंग ने कहा कि जिन पांच लोगों में डेल्टा प्लस का वैरिएंट पाया गया उन्हें कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है जबकि जिस महिला की मौत हुई है, उसे वैक्सीन नहीं लगी थी।
इस बीच, केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि जहां डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है, वहां इसे फैलने से रोकने के लिए उचित कदम उठाए और साथ ही कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया को तेज करे।
बताते चलें कि देश में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 40 मामले आ चुके हैं। इनमें से ज़्यादातर मामले महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश से सामने आए हैं। केरल में एहतियातन तीन गांवों को सील कर दिया गया है।
इसके अलावा तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है। कर्नाटक के बैंगलुरू और मैसूर में भी इस वैरिएंट के मामले मिले हैं।
अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट 11 देशों में मिल चुका है और करीब 200 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। भारत सरकार इसे चिंताजनक घोषित कर चुकी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी इसे लेकर एक स्टडी करने वाले हैं।
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तीसरी लहर का डर
देश में तीसरी लहर को लेकर लोग डरे हुए है। पिछले दो माह के कई ऐसी रिपोर्ट सामने आ चुकी है जिसमें कहा गया है कि सितंबर के बाद कोरोना की तीसरी लहर आयेगी।
महाराष्ट्र के टास्क फोर्स ने भी हाल ही में आशंका जताई थी कि यदि कोरोना महामारी को लेकर लापरवाही बरती गई तो एक या दो महीने में तीसरी लहर आ जाएगी और इस संभावित तीसरी लहर का जो कारण बनेगा वह होगा नया वैरिएंट डेल्टा प्लस।
यह नया वैरिएंट उसी डेल्टा वैरिएंट का नया रूप है जिसे देश में कोरोना की दूसरी लहर में तबाही लाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
रिसर्च से पता चला है कि डेल्टा वैरिएंट जहां शरीर के इम्यून सिस्टम से बच निकलता है वहीं इसके नये वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल दवा भी निष्प्रभावी साबित हो सकती है।
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महाराष्ट्र के अधिकारियों की चिंता की वजह डेल्टा प्लस इसलिए है कि शुरुआती शोध के आधार पर इसे डेल्टा वैरिएंट से भी अधिक घातक माना जा रहा है। ऐसा इसलिए कि डेल्टा वैरिएंट नाम से प्रचलित बी.1.617.2 वैरिएंट को भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना गया।
भारत में जब दूसरी लहर अपने शिखर पर थी तो हर रोज 4 लाख से भी अधिक कोरोना संक्रमण के मामले रिकॉर्ड किए जा रहे थे। देश में 6 मई को सबसे ज़्यादा 4 लाख 14 हजार केस आए थे। यह वह समय था जब देश में अस्तपाल बेड, दवाइयां और ऑक्सीजन जैसी सुविधाएं भी कम पड़ गई थीं। ऑक्सीजन समय पर नहीं मिलने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुईं।
अस्पतालों में तो लाइनें लगी ही थीं, श्मशानों में भी ऐसे ही हालात थे। इस बीच गंगा नदी में तैरते सैकड़ों शव मिलने की खबरें आईं और रेत में दफनाए गए शवों की तस्वीरें भी सामने आई।
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