स्पेशल डेस्क
देश में कोरोना वायरस के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 3320 मामले सामने आए। इसके बाद भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 63 हजार के करीब पहुंच गई है। कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 62939 पहुंच गई है, जिसमें से 2109 लोगों की मौत हो चुकी है ।
हालांकि सरकार अब इसे काबू करने के लिए तमाम उपायें खोज रही है। शुरुआती मामलों में कोरोना को रोकने के लिए सरकार ने कुछ ठोस कदम उठाये थेे लेकिन बाद में सरकार के द्वारा बनाये गए मॉडल फेल होते हुए नजर आ रहे हैं। आलम तो यह है कि महाराष्ट्र से लेकर यूपी तक कोरोना ने अपना आंतक और तेज कर दिया है।
हालात अब बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। कोरोना को रोकने के लिए जिन मॉडलों की तारीफ करते लोग थक नहीं रहे थे वहीं मॉडल आज की तारीख में पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। उदाहरण के लिए कोरोना की लड़ाई में आगरा मॉडल की खूब तारीफ की जा रही थी और इस मॉडल ने पूरे देश में वाहवाही लूटी है लेकिन अब हालात उसी आगरा में उलट है। वहां पर कोरोना ने तेजी से अपनी जड़े मजबूत कर डाली है।
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आगरा में रविवार को कोरोना के 42 नये मामले सामने आए और इस तरह से वहां पर 743 लोग कोरोना की जद में है। इसके साथ ही वहां पर 23 लोगों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया है। आगरा में कोरोना के बढ़ते मामले को देखकर कहा जा सकता है कोरोना का नया ठिकाना आगरा बनता जा रहा है और सरकार के द्वारा बनाये गए मॉडल भी अब वहां काम नहीं आ रहे हैं।
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केरल ने ऐसे किया कोरोना को काबू
दूसरी ओर केरल ने कोरोना को बेहद शानदार तरीके से काबू किया गया है। दरअसल केरल हमेशा अपने हेल्थकेयर नेटवर्क पर अच्छी-खासी रकम खर्च करता है। केरल में जैसे ही कोरोना ने दस्तक दी वैसे ही वहां की सरकार ने इसे काबू करने के लिए ठोस योजना पर काम करना शुरू कर दिया। वहां के अधिकारियों ने कोरोना को रोकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।
मरीजों को खोजकर उनको आइसोलेट किया और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए टेक्नोलॉजी पर जोर लगा दिया। नतीजा यह रहा कि कोरोना वहां पर काबू में है। इतना ही नहीं वायरस को रोकने के लिए हॉटस्पॉट इलाकों को खोजा गया।
केरल ने एक और अच्छा काम यह किया कि वहां 14 दिन की बजाए 28 दिन लोगों को क्वारंटाइन करने का फैसला किया। इसके साथ ही बुखार, खांसी वाले मरीजों को फौरन राहत देने के लिए लिंक्ड अस्पताल में उनका इलाज करने का इंतेजाम किया है।
आगरा क्यों हुआ फेल
आगरा शहर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है और यहां पर मार्च में पहला केस कोरोना का पाया गया था। इसके बाद वहां पर धीरे-धीरे कोरोना ने अपनी जड़े मजबूत की लेकिन केंद्र सरकार ने एक कंटेनमेंट प्लान के सहारे ही आगरा ने कोरोना को काबू कर लिया था और यहीं से आगरा मॉडल चर्चा में आ गया। इस मॉडल को लेकर योगी की तारीफ हो रही थी।
अब वहीं आगरा मॉडल फेल हो गया है क्योंकि अब कोरोना के सबसे ज्यादा मामले आगरा में ही देखने को मिल रहे हैं। अब सबकी जहन एक ही सवाल उठ रहा है आखिर कैसे वहां पर स्थिति एकाएक बदल गई। लोग यह भी पूछ रहे हैं कि शुरुआती जश्न अब मातम में क्यों बदल गया है।
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BBC के अनुसार जश्न की जल्दबाजी में सावधानी हटना ख़तरनाक साबित हुआ है। BBC ने एक रिपोर्ट प्रकाशिक की और वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर शाहिद जमील के हवाले से कहा है कि इससे साबित होता है शुरुआती जश्न में बड़े रिस्क शामिल होते हैं वह कहते हैं जश्न की हड़बड़ी में लोग सावधानी में ढील देने लगते हैं और यह काफ़ी ख़तरनाक साबित हो सकता है।
दूसरी ओर आगरा में क्वारंटीन सेंटर पर सवाल इसलिए है क्योंकि वहां पर क्वारंटीन सेंटर को ही लोगों ने मजाक बनाकर रख दिया है। एक अखबार की खबर के अनुसार क्वारंटीन सेंटर में भीड़ है और क्वारंटीन सेंटर पूरी तरह से बदहाल है। पॉजिटीव मरीज को अलग नहीं रखा जा रहा है। इतना ही नहीं एक ही शौचालय का कई लोग प्रयोग कर रहे हैं। इतना ही नहीं सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ायी जा रही है। प्रशासन भी वहां पर सही तरीके से लॉकडाउन का पालन नहीं करा पा रही है।
आगरा को लेकर महापौर ने सीएम से लगायी थी गुहार
अभी कुछ दिन पूर्व महापौर नवीन जैन ने आगरा को कोरोना से बचाने के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगायी थी।
उन्होंने पत्र के माध्यम से सीएम को कोरोना को लेकर आगरा प्रशासन की लचर रवैये को लेकर उन्हें अवगत कराया था महापौर का पत्र अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया था और इस पत्र में कहा गया था कि शहर में कोरोना के बिगड़ते हालात और आम जनमानस को होने वाली परेशानी के लिए सीधे-सीधे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने यह पत्र 21 अप्रैल को लिखा था।
ये राज्य हुए कोरोना मुक्त
- गोवा 20 अप्रैल को पहला कोरोना मुक्त राज्य बना
- मिजोरम में सिर्फ एक केस आया
- शनिवार को इसके स्वस्थ होने के साथ राज्य कोरोना मुक्त
देश में कोरोना की स्थिति
- ठीक होने की दर- 29.9 फीसदी
- डबलिंग रेट- 11 दिन में दोगुने हो रहे मामले
- मृत्युदर-3.3 फीसदी
इन राज्यों ने कोरोना को किया काबू
हिमाचल प्रदेश : 16 मार्च को पहला मामला सामने आया, 9 मई तक 51 लोगों को संक्रमण, तीन मरे
उत्तराखंड : मार्च को पहला मामला सामने आया, 9 मई तक 67 संक्रमित, एक की मौत
वहीं महाराष्ट्र में कोरोना सबसे ज्यादा कहर बरपा रहा है। महाराष्ट्र में हॉटस्पॉट तो बन गए लेकिन वहां पर झोपड़पट्टी होने की वजह से मामले बढ़ रहे हैं जबकि लोगों ने कोरोना को शुरू में हल्के में लिया था।
महाराष्ट्र में करीब 20 हजार लोग कोरोना की चपेट में है दूसरी ओर गुजरता में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां 7,402 लोग संक्रमित हो चुके हैं। कुल मिलाकर सरकार लगातार कोरोना को काबू करने के लिए योजना बना रही है और देश में लॉकडाउन को बढ़ाया गया है लेकिन कोरोना अब पहले से ज्यादा खतनाका नजर आ रहा है।