- कर्नाटक में नहीं प्रवेश कर सकेंगी महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात से आने वाली गाडिय़ा, टे्रनें और फ्लाइट्स
- कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने लिया ये फैसला
न्यूज डेस्क
देश में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में तेजी से इजाफा हो रहा है। तालाबंदी के प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद से मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। अब तो ट्रेनें, फ्लाइट और बसों का भी संचालन शुरु हो चुका है। ऐसे में मामलों में और बढ़ोत्तरी होगी। इस हालात को देखते हुए कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने पांच राज्यों से आने वाली गाडिय़ों, ट्रेनों और फ्लाइट्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है।
प्रवासी मजदूरों के पलायन के बीच कर्नाटक सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। देश के पांच राज्य महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात से कनार्टक में कोई नहीं जा सकेगा। राज्य सरकार ने इन राज्यों के लिए अपनी सीमाएं सील कर दी हैं। इन राज्यों से आने वाली ट्रेन, फ्लाइट, गाडिय़ों को एंट्री नहीं मिलेगी।
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दरअसल यह फैसला कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कर्नाटक सरकार लिया है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार ने यह फैसला इस वजह से लिया है क्योंकि इन पांच राज्यों में ही देश के दो तिहाई कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं। महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 58 हजार के पार हो गया है। तमिलनाडु में करीब 19 हजार कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं, गुजरात में 15,205 मरीज, राजस्थान में करीब 8 हजार मरीज और मध्य प्रदेश में 7 हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं।
तालाबंदी का चौथा चरण की मियाद पूरी होने वाली है। केंद्र सरकार राज्य सरकारों से इस पर मंत्रणा कर रही है कि इसे आगे बढ़ाया जाए या खत्म किया जाए। वैसे सरकार काफी तालाबंदी में काफी ढील दे रखी है। ट्रेनें, फ्लाइट और सार्वजनिक वाहनों के शुरु होने से हर रोज लाखों लोग अपने घरों को लौट रहे हैं। वहीं जानकारों का कहना है कि इससे देश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढेगा। इसी को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने यह फैसला लिया है।
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अधिकतर राज्य सरकारों और केंद्रशासित राज्यों के प्रशासनों ने उनके क्षेत्र में बाहर से आने वालों के लिए कम से कम सात दिन के अनिवार्य पृथक-वास का नियम बनाया है, वहीं कुछ राज्यों ने बाहर से आने वालों के लिए घर पर पृथक-वास को अनिवार्य बनाया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 26 मई की स्थिति के अनुसार, विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पृथक-वास केंद्रों में कुल 22.81 लाख लोग हैं। कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान विदेश से लौटे या देश में ही एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले करीब 23 लाख लोग इस समय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा बनाई गयी पृथक-वास सुविधाओं में हैं।
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भारत में कोरोना से मौतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की बात की जाए, तो महाराष्ट्र में हालात काफी खराब हैं। यहां अब पीड़ितों की संख्या 58 हजार पार कर चुकी है। वहीं, 24 घंटे में 105 नई मौतों के साथ अब मृतकों की संख्या 1897 हो गई है। राज्य में पिछले 13 दिनों से लगातार हर दिन दो हजार नए केस सामने आ रहे हैं।
वहीं, कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में गुरुवार को कोरोना के 115 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2533 हो गई है।