न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी का प्रभाव पर सऊदी अरब पर भी पड़ा है। सऊदी को काफी नुकसान हुआ है जिसकी वजह से वह कड़े फैसले लेेने जा रहा है।
कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव खाड़ी देशों पर पड़ा है। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए दुनिया भर के ज्यादातर देशों ने लॉकडाउन का सहारा लिया और इसका सबसे ज्यादा प्रभाव खाड़ी देशों में देखने को मिला।
लॉकडाउन की वजह से जनजीवन ठप हो गया। रेल, फ्लाइट, यातायात के साधन ठप हो गए जिसकी वजह से तेल की मांग में भारी गिरावट आई और इसका खामियाजा खाड़ी देशों को भुगतना पड़ रहा है। जिसमें सऊदी अरब भी शामिल है।
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सऊदी अरब की मॉनेटरी अथॉरिटी ने 28 अप्रैल को कहा था कि मार्च में सऊदी अरब की विदेशी संपत्ति में 464 अरब डॉलर की गिरावट आई है। यह पिछले 19 सालों में सबसे निचले स्तर पर है। इसके लिए सऊदी ने कोरोना वायरस की महामारी को जिम्मेदार माना है।
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सऊदी के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जदान ने कहा कि अगले कदम और फैसले को लेकर विचार चल रहा है ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके।
अल-जदान ने कहा कि तेल और नॉन-ऑइल राजस्व में गिरावट आगामी तिमाही में दिखेगी।
वित्त मंत्री ने कहा, ”इस साल की शुरुआत में तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल थी और आज 20 डॉलर प्रति बैरल है। यह 50 फ़ीसदी से भी अधिक की गिरावट है। ”
सऊदी अरब के केंद्रीय बैंक में विदेशी मुद्रा भंडार मार्च महीने में पिछले 20 सालों में सबसे तेजी से गिरा है। 2011 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है।
तेल की कीमत गिरने के बाद से पहली तिमाही में 9 अरब डॉलर का बजट घाटा हुआ है। जदान ने पिछले महीने कहा था कि सऊदी अरब इस साल 26 अरब डॉलर का कर्ज ले सकता है ताकि विदेशी मुद्रा भंडार को संतुलित रखा जा सके।
Watch: #SaudiArabia is facing the crisis from a position of strength, but the kingdom is willing to take “painful steps” to mitigate the impact of the #coronavirus pandemic, Finance Minister Mohammed Al-Jadaan tells Al Arabiya. https://t.co/d6WjlGJfZh pic.twitter.com/1zlbDfNNJL
— Al Arabiya English (@AlArabiya_Eng) May 2, 2020
सऊदी अरब ने भी संक्रमण रोकने के लिए ज़्यादातर शहरों में लॉकडाउन लगा रखा है और कफ्र्यू भी लगा हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय हवाई सेवा पूरी तरह से बंद है, जिसके कारण से सऊदी का नॉन ऑइल राजस्व बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। लोग घरों में हैं और सारा कारोबार बंद है।
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कड़े फैसले लेगा सऊदी अरब
सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जदान ने दो मई को कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से अर्थव्यवस्था पर जो चोट पहुंची है उससे निपटने के लिए कड़े और तकलीफदेह फैसले लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस संकट से निकलने के लिए सारे विकल्प खुले हैं।
अल-अरबिया टीवी को दिए साक्षात्कार में अल-जदान ने कहा कि सऊदी अरब बजट खर्चों में भारी कटौती करेगा।
अल-जदान ने कहा कि कोरोना का असर इस साल की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था पर स्पष्ट रूप से दिखेगा। सऊदी अरब के वित्त मामलों को टाइट किया जाएगा ताकि सब कुछ और अनुशासित रहे।
सऊदी के वित्त मंत्री ने कहा कि मुल्क भीतर मेगा प्रोजेक्ट के खर्चों में भी कटौती की जाएगी। दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश सऊदी अरब ऐतिहासिक रूप से तेल की कम कीमतों से जूझ रहा है।
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