जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। दुनिया के गिने-चुने ही देश हैं जिसे कोरोना वायरस ने नुकसान नहीं पहुंचाया है।
कोरोना महामारी का प्रभाव अब दिखने लगा है। दुनिया के अमीर देशों में शुमार सिंगापुर के मंदी की चपटे में आने के बाद अब जापान को लेकर ऐसी ही खबर आ रही है।
कोरोना महामारी के चलते जापान की अर्थव्यवस्था को इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अब तक की सबसे बड़ी चोट पहुंची है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से ग्राहक खर्च नहीं कर रहे हैं। ऐसे हालात में नीति निर्माताओं पर आर्थिक मंदी को और गहराने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का दबाव है।
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जापान में मई के अंत से तालाबंदी हटाने की शुरुआत हो गई थी और इसी के साथ अर्थव्यवस्था दोबारा पटरी पर आनी भी शुरू हुई थी, पर कई जानकारों का मानना है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जो भी बेहतरी होगी वो सीमित ही रहेगी क्योंकि संक्रमण के नए मामले सामने आने की वजह से लोग बहुत सोच समझकर खर्च कर रहे हैं।
अप्रैल-जून तिमाही में जापान का जीडीपी वार्षिक दर के मुकाबले 27.8 प्रतिशत कम हुआ है। जापान में 1980 में डेटा मुहैया होने के बाद से ये जीडीपी में सबसे बड़ी गिरावट है।
जापान में ये लगातार तीसरी तिमाही थी जब अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई। अनुमान लगाया गया था कि जीडीपी 27.2 प्रतिशत तक सिकुड़ सकता है। सोमवार को सरकार की ओर से जारी डेटा इससे कुछ ही ज़्यादा है।
इस मामले में अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस बड़ी गिरावट की वजह खपत और निर्यात में आई कमी है। जानकारों ने उम्मीद जताई है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में बढ़त सकारात्मक हो जाएगी, पर वैश्विक तौर पर, चीन को छोड़कर दुनिया के हर हिस्से में अर्थव्यवस्था सुस्त रफ्तार से पटरी पर लौट रही है।
बीबीसी की खबर के अनुसार निजी खपत जापान की कुल अर्थव्यवस्था का आधे से भी ज़्यादा है। इस तिमाही में इसमें 8.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में ही थे और उन्होंने खर्च कम किए।
जानकारों ने अनुमान लगाया था कि निजी खपत में 7.1 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है, लेकिन ये गिरावट इससे अधिक रही और अब तक के रिकॉर्ड में सबसे ज़्यादा है।
वहीं पूंजीगत व्यय में 1.5 प्रतिशत तक की गिरावट आई है जबकि अनुमान 4.2 प्रतिशत की गिरावट का लगाया गया था।
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बाहरी मांग यानी निर्यात और आयात के बीच अंतर भी कम हुआ है और इसकी वजह से जापान के जीडीपी में 3 प्रतिशत की गिरावट आई है। महामारी की वजह से दुनियाभर में चीजों की मांग कम हुई है।
वहीं जापान ने इस महामारी के असर को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर राजकोषीय और मौद्रिक पैकेज जारी किया है। हालंाकि जापान की अर्थव्यवस्था पहले से ही सेल्स टैक्स में वृद्धि और अमरीका-चीन के बीच व्यापार युद्ध के असर को झेल रही थी। रही-सही कसर कोरोना महामारी ने पूरी कर दी।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जापान ने भी तालाबंदी का सहारा लिया था। जापान सरकार ने मई के अंत में लॉकडाउन हटाना शुरू कर दिया था जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से एक बार फिर अर्थव्यवस्था पर काले बादल मंडरा रहे हैं। घरेलू ख़र्चे भी कम हो रहे है जिसका असर व्यापार पर पड़ रहा है।
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