न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को अगर आइसोलेशन में न रखा जाए तो वह दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को 20 दिन के भीतर तक संक्रमित कर सकता है। द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक संक्रमण की मियाद 8 से 37 दिन तक की है और औसत अवधि 20 दिन आंकी गई है।
यह शोध चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज और दूसरे चीनी संस्थानों के विशेषज्ञ द्वारा किया गया है। शोध में यह भी पाया गया है कि बढ़ती हुई उम्र के लोगों का संक्रमण और वायरस से सीधा संबंध है।
मृतक मरीजों के खून में ऑक्सीजन की कमी होने से सांसों का बंद होना और हार्ट अटैक एक सामान्य वजह रही। मरीजों को उन मशीनों से भी संक्रमण हो गया जो उनके इलाज के लगाई गईं थीं।
इस शोध के अनुसार कोविद-19 के इलाज के लिए एंटीवायरल दवाइयों के इस्तेमाल से मरीज की दशा में सुधार तो दिखने लगता है लेकिन वायरस के कमजोर होने की लक्षण नजर नहीं आते हैं। कोविद-19 के लिए इस्तेमाल की जा रही लोपिनावायर या राइटोनावायर जैसर दवाएं वायरस की संक्रमण पैलाने की शक्ति को कम नहीं कर पा रही हैं।
इन दवाओं को विशेषज्ञ संक्रमण को रोकने के लिए संभावित तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। शोध के मुख्य लेखक और कैपिटल मेडिकल यूनिवर्सिटी चीन के विशेषज्ञ बिन काओ का मानना है कि अस्पताल से मरीज की जब छुट्टी के समय कोरोनावायरस की रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए। वह कहते हैं कि वायरस की संक्रमण अवधि में मरीज को एकांत में रखना चााहिए ऐसा नहीं करने पर उसकी मौत हो सकती है।
वायरस के 191 मरीजों पर शोध करने पर पाया गया कि इन मरीजों के संक्रमण और अस्पताल के छुट्टी के बीच का औसत समय 22 दिन है। इलाज के दौरान 18.5 दिनों में मत्यु हुई। इस दौरान जिन 32 मरीजों को इलाज के दौरान वेंटीलेटर की आवश्यकता हुई उनमें से 31 की मृत्यु हो गई।
वेंटीलेटर पर रखे मरीजों के मरने का औसत समय मात्र 14.5 दिन रहा। 191 में से तीन मरीजों को फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के बाद उसे खून में मिलाने के लिए भी मेडिकल सहायता देनी पड़ी,लेकिन इनमें से एक भी जीवित नहीं बचा है।